14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

दिल्ली अध्यादेशः राज्यसभा में AAP ने केन्द्र को कोसा, कहा- वाजपेयी और आडवाणी के संघर्ष का अपमान

AAP नेता राघव चड्ढा ने दिल्ली अध्यादेश को लेकर कहा कि दिल्ली सरकार के अधिकारों में इस विधेयक के जरिये कटौती की जा रही है. उन्होंने सरकार पर संविधान संशोधन लाए बिना संविधान को बदलने का आरोप लगाया. चड्ढा ने कहा कि सामूहिक जिम्मेदारी के संवैधानिक सिद्धांत का उल्लंघन कर यह विधेयक लाया गया है.

Parliament Monsoon Session: दिल्ली सेवा विधेयक आज यानी सोमवार को राज्यसभा केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पेश किया. दिल्ली अध्यादेश का कांग्रेस, आम आदमी पार्टी समेत कई और विपक्षी दलों ने विरोध किया. आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा अध्यादेश को लेकर केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा. दिल्ली सेवा बिल पर राघव चड्ढा ने राज्यसभा में केंद्र को कोसते हुए कहा कि यह बीजेपी के वाजपेयी और आडवाणी के नीतियों का खिलाफ है. उन्होंने कहा कि, बीजेपी काफी समय से दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग करती रही है. चड्ढा ने कहा कि अगर आज बीजेपी दिल्ली सेवा बिल को केंद्र के पक्ष में पास करवाना चाहती है तो यह पूर्व पीएम वाजपेयी जी के साथ-साथ संघर्ष करने वाले सभी बीजेपी नेताओं का भी अपमान है.

दिल्ली अध्यादेश संवैधानिक सिद्धांत का उल्लंघन- राघव चड्ढा
आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्ढा ने दिल्ली अध्यादेश को लेकर कहा कि दिल्ली सरकार के अधिकारों में इस विधेयक के जरिये कटौती की जा रही है. उन्होंने सरकार पर संविधान संशोधन लाए बिना संविधान को बदलने का आरोप लगाया. चड्ढा ने कहा कि सामूहिक जिम्मेदारी के संवैधानिक सिद्धांत का उल्लंघन कर यह विधेयक लाया गया है. चड्ढा ने कहा कि यह विधेयक कहता है कि एक समिति के माध्यम से तबादले किए जाएंगे, ऐसे में कोई अधिकारी मुख्यमंत्री की बात क्यों सुनेगा. उप राज्यपाल को एक निर्वाचित सरकार की पूरी शक्तियां इस विधेयक के जरिये मिल जाएंगी. उप राज्यपाल ने कहां से चुनाव जीता है? उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय की व्यवस्था में कहा गया है कि यदि लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को अपने कार्यक्षेत्र में तैनात अधिकारियों को नियंत्रित करने की शक्ति प्रदान नहीं की जाती है, तो सामूहिक उत्तरदायित्व का सिद्धांत बेमानी हो जाएगा.

असंवैधानिक विधेयक का समर्थन क्यों किया जा रहा है- चड्ढा
आम नेता राघव चड्ढा ने कहा कि यह विधेयक राज्य सरकार की शक्तियों को छीन कर उप राज्यपाल को और एक तरह से उप राज्यपाल के जरिये केंद्र सरकार को सौंपता है. जबकि लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित सरकार के पास अपने प्रशासन का नियंत्रण होना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस विधेयक का समर्थन करने वाले, भाजपा के सहयोगी दलों से वह पूछना चाहते हैं कि आखिर उनकी क्या मजबूरी है जो वह इस असंवैधानिक विधेयक का समर्थन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस विधेयक के माध्यम से जो आज दिल्ली सरकार के साथ हो सकता है, वह गैर-भाजपा शासित अन्य किसी राज्य में भी हो सकता है.

अध्यादेश को मिला कई दलों का समर्थन
इधर, बीजू जनता दल के सस्मित पात्रा ने कहा कि उनकी पार्टी इस विधेयक का समर्थन करती है और संविधान के अनुच्छेद 239 एए में संसद को दिल्ली के बारे में कानून बनाने का पूरा अधिकार दिया गया है. उन्होंने कहा संसद के पास पूरा अधिकार है कि वह राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के संदर्भ में कानून बना सके. इसे असंवैधानिक कैसे कहा जा सकता है जबकि यह व्यवस्था संविधान में है. पात्रा ने कहा यह मामला अदालत में है लेकिन विधायिका के अपने अधिकार हैं जिनका आवश्यकता के अनुसार उपयोग किया जाता है. वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के वी विजय साई रेड्डी ने विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि उच्चतम न्यायालय ने साफ कहा है कि संसद के पास कानून बनाने की स्थापित शक्ति है.

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली अन्य केंद्र शासित प्रदेशों के समान नहीं है और इसे संविधान द्वारा एक विशिष्ट दर्जा दिया गया है तथा एक गैर-जवाबदेह और गैर-जिम्मेदार सिविल सेवा लोकतंत्र में शासन की गंभीर समस्या खड़ी कर सकती है. रेड्डी ने कहा कि विधेयक को लेकर कई भ्रम हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि यह भ्रम कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों की ओर से खड़े किए गए हैं. उन्होंने कहा कि वह आम आदमी पार्टी से आग से न खेलने का अनुरोध करते हैं क्योंकि वह एक अराजक पार्टी और तानाशाही पार्टी है.

Also Read: LIVE: राज्यसभा में दिल्ली सेवा बिल पर बहस, कांग्रेस ने बताया असंवैधानिक, लोकतंत्र के सभी मॉडलों का उल्लंघन

रेड्डी ने कहा कि इसमें दो मत नहीं है कि यह विधेयक पारित हो जाएगा. उन्होंने कहा कि बिना धुएं के आग नहीं लगती लेकिन आम आदमी पार्टी ने इसे हवा दी है. विपक्षी सदस्यों ने इस पर विरोध जताया. रेड्डी ने कहा कि आम आदमी पार्टी की अवसरवादी राजनीति की वजह से ही उसके संस्थापक सदस्यों में से कई सदस्य उससे नाता तोड़ चुके हैं. दिल्ली केवल आम आदमी पार्टी की ही नहीं है बल्कि यह इस देश के हर नागरिक की है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें