क्या दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी थी ? अगर थी तो कितनी थी और क्या दिल्ली सरकार ने ऑक्सीजन की जो डिमांड की वो ज्यादा थी. सुप्रीम कोर्ट की कमेटी इस मामले की जांच कर रही है. एम्स के चीफ और ऑक्सीजन ऑडिट समिति के प्रमुख रणदीप गुलेरिया ने भी टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में अपनी बात रखी है.
डॉ गुलेरिया ने कहा, अभी फाइनल रिपोर्ट नहीं आई है. हम ऐसा नहीं कह सकते कि ऑक्सीजन की मांग को 4 गुना बढ़ा चढ़ाकर बताया गया. यह कहना गलत होगा. ऑक्सीजन की मांग पर उपसमिति की रिपोर्ट अभी नहीं आयी है. एकांतवास में बहुत सारे मरीज थे इसके अलावा घर में इलाज करा रहे मरीजों को भी समें शामिल नहीं किया गया है.
ऑक्सीजन की आवश्यक्ता हर दिन बदलती है . इसे साधारण तरीके से नहीं समझा जा सकता ना ये कहा जा सकता है कि ऑक्सीजन की कमी को बढ़ाकर बताया गया है. यह मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में है. हमें इंतजार करना चाहिए और देखना चाहिए कि सुप्रीम कोर्ट इस बारे में क्या कहती है.”
Also Read: Fake Corona Vaccine : महाराष्ट्र, कोलकाता सहित कई जगहों पर लोगों को लगी फर्जी कोरोना वैक्सीन
उन्होंने आगे कहा, जो रिपोर्ट तैयार हुई है वह फाइनल नहीं है. अभी हमारी इस मामले पर और बैठकें होंगी जांच होगी इसके बाद फाइनल रिपोर्ट तैयार की जायेगी. अगले एक सप्ताह में फाइनल रिपोर्ट तैयार की जा सकती है.
Also Read: Delhi Oxygen Audit : पैनल की रिपोर्ट से दो सदस्य असहमत, अबतक नहीं मिले कई सवालों के जवाब
सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनायी गयी इस कमेटी के रिपोर्ट के हवाले से राजनीतिक बहस तेज हो गयी है. भारतीय जनता पार्टी रिपोर्ट के हवाले से केजरीवाल सरकार पर निशाना साध रही है जबकि केजरीवाल सरकार लगातार इस हमलों का जवाब दे रही है. केजरीवाल सरकार पर आरोप लग रहे हैं कि उन्होंने ऑक्सीजन जरूरतों को चार गुना ज्यादा बताया. अब एम्स के चीफ और ऑक्सीजन ऑडिट समिति के प्रमुख रणदीप गुलेरिया ने इस मामले पर अपनी बात रखकर इस विवाद को कम करने की कोशिश की है.