चंडीगढ़: पंजाब में विधानसभा चुनावों (Punjab Assembly Elections 2022) की घोषणा अभी नहीं हुई है, लेकिन चुनाव का खुमार सभी पार्टियों के सिर चढ़कर बोल रहा है. कैप्टन अमरिंदर सिंह के मुख्यमंत्री पद और कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देने के बाद पाकिस्तान की सीमा से सटे इस राज्य का राजनीतिक समीकरण बदला-बदला सा है.
नये-नये गठबंधन बन रहे हैं और नयी-नयी घोषणाएं भी हो रही हैं. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सबसे पुराने सहयोगियों में शामिल रही शिरोमणि अकाली दल (शिअद) एनडीए से बाहर आकर अब मायावती (Mayawati) की बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के साथ गठबंधन में है.
पंजाब में पिछड़े दलों को अपने साथ जोड़ने की जोरदार कवायद चल रही है. इसी वजह से कांग्रेस ने कई दिग्गज नेताओं को दरकिनार करके पिछड़ी जाति से आने वाले चरणजीत सिंह चन्नी को कैप्टन अमरिंदर सिंह (Capt. Amarinder Singh) की जगह मुख्यमंत्री बनाया. अब शिरोमणि अकाली दल (Shiromani Akali Dal) ने भी दलित कार्ड खेल दिया है.
शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल (Sukhbir Singh Badal) ने शनिवार को बड़ी घोषणा कर दी. सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि अगर पंजाब में अगली सरकार शिरोमणि अकाली दल की बनी, तो यहां बसपा का उप-मुख्यमंत्री होगा.
A deputy CM will be from Bahujan Samaj Party (BSP) if Shiromani Akali Dal (SAD)-BSP alliance comes to power in the next Assembly elections in Punjab: SAD president Sukhbir Singh Badal pic.twitter.com/QalxmPTTd5
— ANI (@ANI) December 11, 2021
उल्लेखनीय है कि अगले वर्ष यानी 2022 के शुरुआत में ही पंजाब में विधानसभा चुनाव होना है. सत्तारूढ़ पार्टी कांग्रेस पर अपना गढ़ बचाने की चुनौती है, तो भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अब कैप्टन अमरिंदर सिंह की मदद से इस प्रदेश में खुद को मजबूत करने में जुटी हुई है. दिल्ली की सत्तारूढ़ पार्टी आम आदमी पार्टी (आप) भी सरकार बनाने के दावे कर रही है.
वहीं, शिरोमणि अकाली दल को ऐसा लग रहा है कि नवजोत सिंह सिद्धू की वजह से कांग्रेस में जो आक्रोश उपजा है, उसका लाभ उसे मिल सकता है. इसलिए अकाली दल ने भी अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. उसे उम्मीद है कि बसपा के साथ आने से अकाली दल की ताकत बढ़ेगी और उसका वोट भी बढ़ेगा.
पंजाब विधानसभा में कुल 117 सीटें हैं. वर्ष 2017 के चुनाव में कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस ने अकेले 77 सीटें जीतीं थीं. तब सत्तारूढ़ दल शिरोमणि अकाली दल को मात्र 15 सीटें मिलीं थीं. भाजपा के हिस्से में 3 सीटें आयीं थीं. लोक इंसाफ पार्टी ने 2 सीटें जीतीं थीं. आम आदमी पार्टी (आप) ने बड़ा उलटफेर किया था. पहली बार पंजाब में चुनाव लड़ने वाली आप 20 सीटें जीतकर मुख्य विपक्षी पार्टी बनी थी.
Posted By: Mithilesh Jha