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मध्यप्रदेश के मंत्रियों को मिलने से रोकना तानाशाही: CM कमलनाथ

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बुधवार को आरोप लगाया कि बेंगलुरू में कांग्रेस के राज्यसभा उम्मीदवार दिग्विजय सिंह व मध्यप्रदेश के मंत्रियों को मिलने से रोक

भोपाल : मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बुधवार को आरोप लगाया कि बेंगलुरू में भाजपा द्वारा बंधक बनाये गये कांग्रेस विधायकों से मिलने गए कांग्रेस के राज्यसभा उम्मीदवार दिग्विजय सिंह व मध्यप्रदेश के मंत्रियों को मिलने से रोक कर उन्हें बलपूर्वक हिरासत में लेना पूरी तरह से तानाशाही व हिटलर शाही है.

इसके अलावा, कमलनाथ ने कहा कि यदि आवश्कता पड़ी तो मैं भी इन बंधक बनाए गए विधायकों से बेंगलुरू में मिलने जाऊंगा.

कमलनाथ ने ट्विटर पर लिखने के साथ-साथ यहां मीडिया को बताया, ‘‘बेंगलरू में भाजपा द्वारा बंधक बनाए गए कांग्रेस विधायकों से मिलने गए कांग्रेस के राज्यसभा उम्मीदवार दिग्विजय सिंह व कांग्रेस के मंत्रियों एवं विधायकों को मिलने से रोकना, उनसे अभद्र व्यवहार करना और उन्हें बलपूर्वक हिरासत में लेना पूरी तरह से तानाशाही व हिटलर शाही है.”

उन्होंने मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर तंज करते हुए कहा, ‘‘न अभी भाजपा के पास बहुमत है, न शिवराज सिंह को भाजपा विधायक दल ने अपना नेता चुना है, ना भाजपा की सरकार बनी है और ना कभी बनेगी. लेकिन शिवराज सिंह चौहान की मुख्यमंत्री बनने के लिये हड़बड़ाहट और बेचैनी पूरा प्रदेश देख रहा है.” कमलनाथ ने कहा, ‘‘किस प्रकार सत्ता के लिए वे बेचैन हो रहे हैं. उन्हें नींद नहीं आ रही है, दिन में भी मुख्यमंत्री पद के सपने देख रहे हैं. अधिकारियों को धमका रहे हैं. उनकी स्थिति पर मुझे तरस आ रहा है.” उन्होंने भाजपा नीत कर्नाटक सरकार की बेंगलुरू पुलिस पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘लोकतांत्रिक मूल्यों, संवैधानिक मूल्यों व अधिकारों का दमन किया जा रहा है.

हमारे हिरासत में लिए गए नेताओं को शीघ्र रिहा किया जाए और बंधक विधायकों से मिलने की इजाज़त दी जाए.” कमलनाथ ने कहा, ‘‘पूरा देश आज देख रहा है कि एक चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने के लिए किस प्रकार से भाजपा द्वारा लोकतांत्रिक मूल्यों की हत्या की जा रही है.

क्यों विधायकों से मिलने नहीं दिया जा रहा है? आख़िर किस बात का डर भाजपा को है? भाजपा द्वारा एक गंदा खेल प्रदेश में खेला जा रहा है.” जब उनसे सवाल किया गया कि क्या आप भी इन विधायकों को मिलने बेंगलुरू जाएंगे तो मुख्यमंत्री ने मीडिया से कहा, ‘‘आवश्कता पड़ी तो मैं भी बेंगलुरू जाऊंगा.” मालूम हो कि बेंगलुरु में बुधवार की सुबह उस रिजॉर्ट के पास नाटकीय घटनाक्रम देखने को मिला जहां मध्यप्रदेश के बागी कांग्रेस विधायक ठहरे हुए हैं.

गौरतलब है कि पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने पुलिस पर विधायकों से मुलाकात न करने देने का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया, जिसके बाद पुलिस ने दिग्विजय सिंह सहित अन्य कांग्रेस नेताओं को हिरासत में ले लिया. कांग्रेस द्वारा जारी की गई वीडियो में श्री सिंह कहते दिखाई दिए, ‘‘मैं मध्यप्रदेश का पूर्व मुख्यमंत्री हूं, और राज्यसभा चुनाव का उम्मीदवार हूं.

मतदान 26 मार्च को है. यहां 22 विधायक ठहरे हुए हैं और वे मुझसे बात करना चाहते हैं लेकिन उनके फोन ले लिए गए हैं और पुलिस हमें उनसे बात करने नहीं दे रही है.” वहीं, पुलिस अधीक्षक (बेंगलुरु ग्रामीण) भीमाशंकर एस गुलेड ने श्री सिंह को कहा कि रिजॉर्ट में मध्यप्रदेश के विधायकों ने पुलिस सुरक्षा मांगी है. गुलेड का कहना था कि विधायकों ने पुलिस को लिखा है कि वे किसी से नहीं मिलना चाहते क्योंकि उन्हें मुश्किल में पड़ने की आशंका है और यह दिग्विजय सिंह तथा अन्य लोगों को बता दिया गया है.

पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘हमने उन्हें पत्र भी दिखाया है.” पुलिस के दावे पर सवाल उठाते हुए श्री सिंह ने कहा, ‘‘वे विधायकों के नाम या और कुछ नहीं जानते तो हमें कैसे पता चल सकता है कि एसपी ने विधायकों से बात की है?” कांग्रेस के 22 बागी विधायकों ने मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन किया और दावा किया कि पार्टी के 20 और विधायक उनके साथ आना चाहते हैं और वे आने वाले दिनों में भाजपा में आने पर विचार कर रहे हैं.

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