नयी दिल्ली : सामाजिक कार्यों से जुड़ी उद्यमी इति रावत को हाल में एक ई-मेल मिला जिसमें एक महिला के बाजू पर एक लाल निशान था और संदेश लिखा था, ‘‘मुझे आपके सहयोग की जरूरत है. महिला ने संकेत दिए कि उसके साथ घरेलू हिंसा की जा रही है.
कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए भारत में जब से लॉकडाउन लगा है तब से घरेलू हिंसा के मामले अचानक बढ़ गए हैं. इस महामारी से देश में अब तक 68 लोगों की जान जा चुकी है और 2900 से अधिक लोग संक्रमित हुए हैं. बंद के कारण कहीं आने-जाने पर लगी पाबंदी के कारण घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाएं अपने साथ हिंसा करने वाले लोगों के साथ फंसी हुई हैं. कई महिलाएं या तो अशक्त हैं या पुलिस को बुलाने से डरती हैं.
इस तरह की महिलाओं से संपर्क साधने के लिए डब्लूईएफटी (वुमेन एंट्रेप्रेन्योर्स फॉर ट्रांसफॉर्मेशन) फाउंडेशन ने एक नयी पहल की शुरुआत की है. यह एक गैर सरकारी संस्था है जो महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए काम करती है. इसके तहत कोई भी नागरिक किसी महिला की हथेली पर लाल चिह्न का निशान देखकर गैर सरकारी संगठनों या अधिकारियों को सूचित कर सकता है.
रावत ने पीटीआई से कहा, ‘‘कोई नागरिक अगर किसी महिला की हथेली पर लाल चिह्न देखता है तो वह डब्लूईएफटी से या तो सोशल मीडिया के माध्यम से या फिर मेल कर जानकारी दे सकता है या सहायता पाने के लिए वे 181 नंबर पर फोन भी कर सकते हैं जो टोलफ्री है.
रावत ने बताया कि तीन दिन पहले शुरू की गई पहल के बाद देश भर से घरेलू हिंसा की 20 से अधिक शिकायतें प्राप्त हुई हैं. रावत ने बताया कि इस तरह का एक मामला कोलकाता से आया जहां लॉकडाउन के बाद से पीड़िता अपने पति के साथ घर में थी. वह पत्नी को पीटता था, उसकी सारी जमा पूंजी ले ली और अपने बेटे के सामने उससे मारपीट करता था.
उन्होंने कहा, ‘‘उसने लाल चिह्न के मार्फत डब्लूईएफटी से संपर्क किया हमने उसे भोजन दिया और उसकी सहायता की. रावत ने कहा कि इस पहल को आगे बढ़ाने के लिए वह राष्ट्रीय महिला आयोग और यूएन वूमेन के संपर्क में हैं