कोरोना वायरस की तीसरी लहर को लेकर अभी देश में चिंता है, कोरोना वायरस का थर्ड वेव कितना खतरनाक होगा, किन लोगों को प्रभावित करेगा? क्या वैक्सीन लगवाने वाले भी इसकी चपेट में आयेंगे? इस तरह के सवाल लोगों के मन में हैं, यही वजह है कि थर्ड वेव को लेकर लगातार अनुमान लगाया जा रहा है. खासकर बच्चों पर कोरोना के थर्ड वेव का क्या असर होगा, यह बड़ा मसला है.
आईसीएमआर के महामारी विज्ञान और संक्रामक रोगों के प्रमुख डॉ समीरन पांडा ने आज कहा है कि देश में जो चौथा सीरो सर्वे हुआ उसके अनुसार देश के 50 प्रतिशत से अधिक बच्चे कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं. बच्चों में संक्रमण का स्तर बड़ों से कुछ ही कम है, ऐसे में कोरोना की तीसरी लहर को लेकर हमें अनावश्यक चिंता करने की जरूरत नहीं है. जिन राज्यों में अपने यहां वयस्कों को वैक्सीन बड़े पैमाने पर लगा दिया है और महामारी की जांच की है वे अपने यहां स्कूलों को धीरे-धीरे खोल सकते हैं.
The fourth national serosurvey clearly shows that more than 50% of children are infected, a little less than adults. So, we need not panic unnecessarily. Those states which have examined their epidemiology & vaccinated their adults can slowly open schools: Dr Samiran Panda pic.twitter.com/wsJx0in9S9
— ANI (@ANI) August 30, 2021
डाॅ समीरन पांडा ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर के शुरुआती संकेत उन राज्यों में दिख रहे हैं जहां दूसरी लहर बहुत तीव्र नहीं थी. कुछ राज्यों ने दिल्ली और महाराष्ट्र से सीख ली है और प्रतिबंधों को पहले से ही लागू कर दिया है, ऐसे में उनके यहां संक्रमण का स्तर बहुत खतरनाक नहीं है.
वहीं मेदांता अस्पताल के चेयरमैन डाॅ त्रेहन ने स्कूलों को अभी खोलने पर चिंता जतायी है. उनका कहना था कि हम एक ऐसे देश में हैं जहां कि आबादी बहुत ज्यादा है, अगर बच्चे बड़ी संख्या में बीमार होने लगे तो उनका इलाज करना मुश्किल होगा, इसलिए अभी हड़बड़ी में स्कूलों को नहीं खोला जाना चाहिए.
आईसीएमआर ने कोरोना की दूसरी लहर के कमजोर होते ही यह कहा था कि स्कूलों को खोला जा सकता है. इनका तो तर्क यह था कि सीनियर क्लास की बजाय पहले प्राइमरी स्कूल खोला जाना चाहिए, क्योंक उनपर वायरस का प्रभाव ज्यादा नहीं दिखता है.
Posted By : Rajneesh Anand