नेपाल से लेकर दिल्ली-एनसीआर, यूपी, उत्तराखंड समेत भारत के कई और राज्यों के लोग भूकंप से दहल गये. भूकंप के झटकों के बाद दहशत में लोग दफ्तर और घरों से बाहर निकल गए. दरअसल भूकंप का केंद्र नेपाल के पश्चिमी हिस्से थे. मंगलवार को नेपाल में दोपहर के समय 5.3 और 6.3 तीव्रता के भूकंप के दो झटके महसूस किए गए. बताया जा रहा है कि भूकंप से जुड़ी घटनाओं में कम से कम 10 लोग घायल हो गये हैं. काठमांडू पोस्ट अखबार के हवाले से बताया गया है कि राजधानी काठमांडू से 700 किलोमीटर पश्चिम में स्थित बझांग जिले में 5.3 तीव्रता वाले भूकंप का पहला झटका दोपहर दो बजकर 40 मिनट पर आया. इसके बाद दोपहर तीन बजकर छह मिनट पर 6.3 तीव्रता का दूसरा झटका आया.
महसूस किए गए भूकंप के छह झटके
राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक इन दो झटकों के बाद दोपहर तीन बजे से शाम पांच बजकर 38 मिनट के बीच बझांग जिले में रिक्टर पैमाने पर चार से पांच तीव्रता वाले भूकंप के बाद के कम से कम छह झटके महसूस किए गए. एजेंसी ने कहा कि अपराह्न तीन बजकर 13 मिनट पर 5.1 तीव्रता, पौने चार बजे 4.1 तीव्रता, चार बजकर 28 मिनट पर 4.1 तीव्रता, चार बजकर 31 मिनट पर 4.3 तीव्रता, शाम पांच बजकर 19 मिनट और शाम पांच बजकर 38 मिनट पर पांच तीव्रता के झटके कम आबादी वाले पहाड़ी क्षेत्र में महसूस किए गए.
अधिकारियों के अनुसार, बझांग जिले में चार छात्रों सहित नौ लोग घायल हो गए और पड़ोसी अछाम जिले में एक व्यक्ति घायल हुआ. एक छात्र ने घबराहट में दो मंजिला इमारत से छलांग लगा दी और घायल हो गया. स्थानीय प्रशासन कार्यालय के अनुसार, भूकंप के कारण बझांग में जिला पुलिस कार्यालय की एक इमारत और कई घर क्षतिग्रस्त हो गए. बझांग के जिला प्रशासन कार्यालय के एक अधिकारी ने कहा, भूकंप के बाद कई छोटे झटके भी महसूस किए गए.
भूकंप के झटके अछाम, डोटी, बाजुरा और बैताड़ी जिलों सहित आसपास के इलाकों में महसूस किए गए. काठमांडू और पड़ोसी भारत में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए.अप्रैल 2015 में, नेपाल में 7.8 तीव्रता का विनाशकारी भूकंप आया था जिसमें लगभग 9,000 लोग मारे गए थे और करीब 22,000 अन्य घायल हुए थे. इससे 8,00,000 से अधिक घरों और स्कूल भवनों को भी नुकसान पहुंचा था.