Economic Survey 2024: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद के मानसून सत्र के पहले दिन यानी 22 जुलाई को आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 पेश करेंगी. इसके बाद 23 जुलाई को वित्त मंत्री आम बजट पेश करेंगी. हर साल बजट से एक दिन पहले आर्थिक सर्वेक्षण पेश करने की परंपरा रही है. बता दें, आर्थिक सर्वेक्षण 31 मार्च को खत्म होने वाले वर्ष के दौरान सरकार के वित्तीय कामकाज का लेखा जोखा होता है. एक तरह से यह सरकार की ओर से एक साल में किए गए कामों का रिपोर्ट कार्ड होता है. साथ ही इससे यह भी जाहिर होता है कि सरकार आने वाले साल में किन चीजों पर ज्यादा फोकस करने वाली है.
एक साल के कामकाज का रिपोर्ट कार्ड
आर्थिक सर्वेक्षण सरकार के एक साल के कामकाज का रिपोर्ट कार्ड होता है. इसे वित्त मंत्रालय की ओर से जारी किया जाता है. इसमें एक साल का विकास कार्यों का लेखा जोखा होता है. आर्थिक सर्वेक्षण से यह पता चलता है कि किस मद पर देश को फायदा हुआ है. किन सेक्टर में सरकार को नुकसान उठाना पड़ा है. आर्थिक सर्वेक्षण में यह साफ होता है. इसके अलावा इससे सरकार के आगे के नजरिये की भी जानकारी मिलती है.
इकोनॉमिक सर्वे में होते हैं अहम आंकड़े
आर्थिक सर्वे के जरिये देश की इकोनॉमी की जानकारी मिल जाती है. सर्वे में अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति, विकास की संभावना के साथ-साथ चुनौतियों का पूरा लेखा जोखा होता है. इस सर्वे में बीते वित्त वर्ष में जीडीपी, प्रति व्यक्ति आय, रोजगार, मुद्रास्फीति-मुद्रा संकुचन, घाटे का बजट समेत कई और आंकड़े होते हैं, जो पूरी अर्थव्यवस्था की तस्वीर पेश करता है.
कैसे तैयार होता आर्थिक सर्वेक्षण
अब सवाल है कि आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट को तैयार कौन करता है. बता दें, आर्थिक सर्वेक्षण को मुख्य आर्थिक सलाहकार की देखरेख में तैयार किया जाता है. इसे वित्त मंत्रालय के इकोनॉमिक्स डिवीजन की टीम तैयार करती है. इस साल आर्थिक सर्वे को मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन की अगुवाई वाली टीम ने तैयार किया है. इसके कल यानी सोमवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सदन में पेश करेंगी.
मानसून सत्र में पेश होगा आर्थिक सर्वे और बजट
संसद का मानसून सत्र कल यानी सोमवार से शुरू हो रहा है. इस सत्र के दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को केंद्रीय बजट पेश करेंगी. मानसून सत्र 22 जुलाई से शुरू होने वाला है और 12 अगस्त को समाप्त होगा. इस सत्र में 19 बैठकें होंगी. इस सत्र में सरकार की ओर से छह विधेयक पेश किए जाने की उम्मीद है, जिनमें 90 साल पुराने विमान अधिनियम को बदलने वाला विधेयक भी शामिल है. इस सत्र में जम्मू-कश्मीर के बजट के लिए संसद की मंजूरी भी मिलेगी. इस केंद्रशासित प्रदेश में फिलहाल विधानसभा अस्तित्व में नहीं है और केंद्र का शासन है.भाषा इनपुट के साथ.
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