ED : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के उल्लंघन मामले में मुंबई स्थित प्रतिष्ठित रियल एस्टेट डेवलपर हीरानंदानी समूह के प्रवर्तकों निरंजन हीरानंदानी और उनके बेटे दर्शन हीरानंदानी को पूछताछ के लिए 26 फरवरी को तलब किया है. आधिकारिक सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी. सूत्रों ने बताया कि निरंजन एवं दर्शन हीरानंदानी को केंद्रीय एजेंसी के मुंबई स्थित कार्यालय में उपस्थित होने के लिए कहा गया है, लेकिन वे एक अधिकृत प्रतिनिधि के जरिये अपनी प्राथमिक प्रतिक्रिया देने का विकल्प चुन सकते हैं.
ED : दर्शन हीरानंदानी कई सालों से दुबई में रह रहे
दर्शन हीरानंदानी पिछले कई सालों से दुबई में रह रहे हैं. प्रवर्तन निदेशालय ने फेमा के उल्लंघन के आरोपों की जांच के सिलसिले में, रियल एस्टेट समूह हीरानंदानी के मुंबई में और उसके आसपास स्थित लगभग चार परिसरों पर पिछले सप्ताह छापे मारे थे. ऐसा बताया जा रहा है कि कुछ विदेशी लेनदेन के अलावा, एजेंसी हीरानंदानी समूह के प्रवर्तकों से कथित तौर पर जुड़े ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स (बीवीआई) स्थित एक न्यास के लाभार्थियों की भी जांच कर रही है.
ED : महुआ मोइत्रा का मामले से कोई लेना-देना नहीं!
समूह ने कहा है कि वह फेमा संबंधी इस जांच में संघीय एजेंसी के साथ सहयोग करेगा. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इस जांच का तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता महुआ मोइत्रा के खिलाफ फेमा संबंधी एक अन्य मामले से कोई लेना-देना नहीं है. मोइत्रा को हाल में लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया था. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद निशिकांत दुबे ने मोइत्रा पर कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से मिले तोहफों के बदले में अदाणी समूह और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए लोकसभा में सवाल पूछने का आरोप लगाया था.
ED : राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करने का भी आरोप
दुबे ने मोइत्रा पर वित्तीय लाभ के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करने का भी आरोप लगाया था. मोइत्रा ने इन आरोपों से इनकार किया है और दावा किया है कि उन्हें अडाणी समूह के सौदों पर सवाल पूछने के लिए निशाना बनाया जा रहा है. ईडी अधिकारी समूह की कुछ संस्थाओं द्वारा पनवेल और चेन्नई में दो आवास परियोजनाओं के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) मार्ग के माध्यम से ₹400 करोड़ से अधिक की कथित धनराशि प्राप्त करने की जांच कर रहे हैं.
ED : हीरानंदानी समूह के प्रमोटरों से जुड़े मामले की भी जांच
कथित तौर पर, एफडीआई प्राप्त करने वाली समूह संस्थाओं में से एक ने कथित तौर पर बैंकों के एक संघ से लिया गया ऋण नहीं चुकाया और उसे गैर-निष्पादित परिसंपत्ति घोषित कर दिया गया. बाद में, ऋण वसूली न्यायाधिकरण की कार्यवाही में इस परियोजना को हीरानंदानी समूह की एक अन्य इकाई ने अपने कब्जे में ले लिया. इसके साथ ही, जांच एजेंसी कथित तौर पर हीरानंदानी समूह के प्रमोटरों से जुड़े ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स (बीवीआई) स्थित ट्रस्ट के लाभार्थियों पर लगे आरोपों की भी जांच कर रही है.