ईडी ने गुरुवार को मुंबई में हीरानंदानी ग्रुप पर बड़ी कार्रवाई की है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ईडी ने फेमा की एक जांच के सिलसिले में मुंबई में और उसके आसपास हीरानंदानी समूह के परिसरों पर छापेमारी की है. जानकारी के अनुसार केंद्रीय एजेंसी की ओर से बिजनेस समूह के खिलाफ उक्त कार्रवाई फेमा (Foreign Exchange Management Act, 1999) से संबंधित नियमों के उल्लंघन के मामले को लेकर की गई है. आपको बता दें कि हीरानंदानी ग्रुप की स्थापना के पीछे दो लोगों का नाम आता है पहला निरंजन हीरानंदानी जबकि दूसरा सुरेंद्र हीरानंदानी. 1978 में हीरानंदानी ग्रुप की स्थापना की गई थी. इसका मुख्यालय कारोबारी नगरी मुंबई में स्थित है.
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महुआ माइत्रा मामले में हीरानंदानी ग्रुप का आया था नाम
हीरानंदानी ग्रुप की बात करें तो इस बिजनेस ग्रुप का नाम भारत के सबसे बड़े रियल एस्टेट डेवलपर्स में आता है. मुंबई के अलावा बेंगलुरु, चेन्नई और हैदराबाद में हीरानंदानी ग्रुप की कई रियल स्टेट परियोजनाएं हैं. यदि आपको याद हो तो टीएमसी की पूर्व सांसद महुआ माइत्रा के ‘कैश फॉर क्वेरी’ मामले में भी हीरानंदानी ग्रुप का नाम सामने आया था.
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने क्या लगाया था आरोप
उल्लेखनीय है कि झारखंड से बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को लिखित शिकायत दी थी. इसमें उन्होंने महुआ मोइत्रा पर संसद में बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी के बदले सवाल पूछने के लिए उनसे पैसे के साथ-साथ महंगे गिफ्ट्स लेने के आरोप लगाए थे. इसके बाद एथिक्स कमिटी ने मामले की जांच की. इस जांच में यह बात सामने आई कि महुआ मोइत्रा ने अपनी संसदीय लॉगिन आईडी और पासवर्ड दर्शन हीरानंदानी के साथ शेयर किया था. विधायी कार्यों की गोपनीयता भंग करने के लिए मोइत्रा को लोकसभा से निष्कासित करने का काम किया गया था.