नयी दिल्ली : कोविड-19 मामलों में वृद्धि के लिए अकेले जिम्मेदार ठहराये जाने से संबंधित मद्रास हाइकोर्ट की टिप्पणी के खिलाफ निर्वाचन आयोग ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. मालूम हो कि मद्रास हाइकोर्ट ने कोरोना प्रोटोकॉल बनाये रखने में विफलता के जिम्मेदार ठहराया था.
मद्रास हाइकोर्ट ने चुनाव आयोग पर कोरोना प्रोटोकॉल बनाये रखने में विफलता के जिम्मेदार ठहराते हुए सबसे ‘गैर-जिम्मेदार संस्था’ करार दिया था. साथ ही सख्त लहजे में कहा था कि चुनाव अधिकारियों पर हत्या का मुकदमा चलाया जाना चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका के मुताबिक, चुनाव आयोग ने कहा है कि चुनाव कराना आयोग का लोकतांत्रिक और संवैधानिक जिम्मेदारी है. हाइकोर्ट की तरह ही चुनाव आयोग भी संवैधानिक संस्था है. एक संस्था का दूसरी संस्था पर टिप्पणी करना उचित नहीं है.
आयोग ने याचिका में मीडिया को भी निर्देश देने का अनुरोध किया है कि ऐसे मामलों में अदालत के औपचारिक आदेश को ही रिपोर्ट किया जाये. न्यायाधीशों की मौखिक टिप्पणी को सनसनीखेज खबर नहीं बनाया जाये.
आयोग ने कहा कि हाइकोर्ट की टिप्पणी के बाद चुनाव अधिकारियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने की बात लोग करने लगे हैं. मालूम हो कि एक दिन पहले ही कोरोना से जुड़े मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ ने जजों को अवांछित टिप्पणी करने से बचने की सलाह दी थी.
साथ ही मद्रास हाइकोर्ट के न्यायाधीशों ने दो मई को होनेवाली मतगणना पर भी रोक लगाने की भी बात कही थी. चुनाव आयोग की याचिका को न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एमआर शाह की खंडपीठ के समक्ष तीन मई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है.