जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ हुई है. यह एनकाउंटर 28 अगस्त, बुधवार की देर रात खेड़ी मोहरा लाठी और दंथल इलाके में शुरू हुआ. सुरक्षाबलों ने पूरे इलाके को घेर लिया है, और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने इस मुठभेड़ की पुष्टि की है. इसके अलावा, कुपवाड़ा में भी सुरक्षाबलों ने बुधवार शाम को वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर घुसपैठ की कोशिशों को नाकाम कर दिया. यहां भी आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ हुई. इसमें दो आतंकवादियों के मारे जाने की सूचना है.
एलओसी पर दो स्थानों पर घुसपैठ की कोशिश की गई थी, जिसे सुरक्षाबलों ने विफल कर दिया. अब इन दोनों स्थानों पर घुसपैठियों की तलाश जारी है. सेना के जवानों का मानना है कि घुसपैठ करने वाले आतंकियों के दो ग्रुप थे, जिनमें प्रत्येक ग्रुप में 2 से 3 आतंकी शामिल थे. तंगधार और मचैल के ऊपरी इलाकों में सर्च ऑपरेशन चल रहा है, लेकिन खराब मौसम के कारण ऑपरेशन में दिक्कतें आ रही हैं. अभी तक किसी के हताहत होने की जानकारी नहीं मिली है.
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राजौरी में भी दो-तीन आतंकियों के छिपे होने की आशंका जताई जा रही है. जम्मू-कश्मीर पुलिस के अनुसार, 28 अगस्त की रात 9:30 बजे सुरक्षाबलों ने खेड़ी मोहरा लाठी और दंथल इलाके में सर्च ऑपरेशन शुरू किया. रात 11:45 बजे के करीब आतंकवादियों के साथ संपर्क स्थापित हुआ और फिर खेड़ी मोहरा इलाके के पास दोनों पक्षों के बीच गोलीबारी शुरू हो गई. सूत्रों का कहना है कि सुबह 6 बजे तक रुक-रुक कर फायरिंग जारी थी. फिलहाल, इलाके को पूरी तरह से घेर लिया गया है.
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पुंछ जिले में भी सेना और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ हुई है. इस मुठभेड़ में सेना ने बड़ी सफलता हासिल की है, क्योंकि उन्हें आतंकियों से चीन में बने 6 ग्रेनेड मिले हैं. इन ग्रेनेड्स को अपने कब्जे में ले लिया गया है. ऐसा माना जा रहा है कि ये हथियार चीन से पाकिस्तान को दिए गए होंगे और फिर पाकिस्तान ने इन्हें आतंकवादियों को सौंपकर भारत में दहशत फैलाने के लिए भेजा होगा.
14 अगस्त को भी हुई थी मुठभेड़
इससे पहले 14 अगस्त को जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई थी. इस दौरान दौरान भारतीय सेना के 48 राष्ट्रीय राइफल्स के एक कैप्टन शहीद हो गए. वहीं भारतीय सेना ने 4 आतंकवादियों को मार गिराया था.