14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Energy Transition : भारत को ग्रीन हाइड्रोजन का लीडर बनाने के लिए नीति आयोग बना रहा रणनीति, रिपोर्ट जारी

नीति आयोग द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट में यह कहा गया है कि जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए ग्रीन हाइड्रोजन के क्षेत्र में निवेश की सख्त जरूरत है. आयोग ने अपनी रिपोर्ट में देश में तीन ग्रीन हाइड्रोजन गैलरी विकसित करने की बात कही है.

G7 समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर क्लामेंट चेंज को लेकर अपनी प्रतिबद्धता जतायी है और 2070 तक नेट जीरो उत्सर्जन की बात कही है. पीएम मोदी ने जर्मनी के एलमौ में कहा कि जलवायु परिवर्तन को लेकर प्रतिबद्धताओं के प्रति भारत का समर्पण इसके प्रदर्शन से स्पष्ट है.

भारत को ग्रीन हाइड्रोजन का लीडर बनाया जायेगा

पीएम नरेंद्र मोदी की इस प्रतिबद्धता के बाद नीति आयोग ने एक रिपोर्ट जारी किया है जिसमें इस बात की मजबूती से वकालत की गयी है कि भारत को ग्रीन हाइड्रोजन का लीडर बनाया जायेगा. नीति आयोग ने ‘हरित हाइड्रोजन का उपयोग-भारत में कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने के अवसर’ शीर्षक से रिपोर्ट प्रकाशित किया है.

ग्रीन हाइड्रोजन के क्षेत्र में निवेश की सख्त जरूरत

नीति आयोग द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट में यह कहा गया है कि जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए ग्रीन हाइड्रोजन के क्षेत्र में निवेश की सख्त जरूरत है. आयोग ने अपनी रिपोर्ट में देश में तीन ग्रीन हाइड्रोजन गैलरी विकसित करने की बात कही है.

भारत में कार्बन का उत्सर्जन कम करने का लक्ष्य

नीति आयोग की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत को ग्रीन हाइड्रोजन के क्षेत्र का लीडर बनाने के लिए निवेश को भरपूर सहयोग दिया जायेगा, ताकि भारत ग्रीन हाइड्रोजन का निर्यात भी कर सके. नीति आयोग की रिपोर्ट में यह बताया गया है कि आयोग हाइड्रोजन नीति पर काम कर रहा है, ताकि भारत में कार्बन का उत्सर्जन कम से कम हो.

2030 तक विश्व में 60 गीगावट ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन किया जायेगा

रिपोर्ट में कहा गया है कि 2030 तक विश्व में 60 गीगावट ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन किया जायेगा. जिससे भारत को 500 गीगावाट रिन्युएबल एनर्जी का लक्ष्य प्राप्त करने में आसानी होगी. इस रिपोर्ट में पिछले एक साल में गहन परामर्श और विश्लेषण के बाद बनाया गया है जो भारत को ग्रीन हाइड्रोजन के क्षेत्र में लीडर बनाने की क्षमता रखता है.

हरित हाइड्रोजन और हरित हाइड्रोजन उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा

नीति आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि सरकार ग्रीन हाइड्रोजन से संबंधित बाजारों में मांग सृजित करने और निजी निवेश को बढ़ावा देने के लिए सार्वजनिक खरीद और खरीद प्रोत्साहन का भी उपयोग कर सकती है. रिपोर्ट में यह सुझाव भी दिया गया है कि सरकार को वैश्विक हाइड्रोजन गठबंधन के जरिये हरित हाइड्रोजन और हरित हाइड्रोजन उत्पादों के निर्यात को प्रोत्साहन देना चाहिए.

Also Read: Energy Transition : रिन्युएबल एनर्जी की हिस्सेदारी हुई 37%, 2030 का लक्ष्य 223 अरब डॉलर में पूरा होगा
2050 तक चार गुना हो सकती है मांग

ग्रीन हाइड्रोजन और ग्रीन अमोनिया का अर्थ ऐसे हाइड्रोजन या अमोनिया से है, जिसका उत्पादन रिन्युएबल एनर्जी का उपयोग कर पानी की ‘इलेक्ट्रोलाइसिस’ विधि से होता है. रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि देश में हाइड्रोजन की मांग 2050 तक चार गुना हो सकती है, जो वैश्विक हाइड्रोजन मांग का करीब 10 प्रतिशत है. इसमें कहा गया है कि दीर्घकाल में इस्पात और भारी ट्रक बनाने वाली इकाइयां मांग को गति देंगी. कुल मांग में इनकी हिस्सेदारी 2050 तक करीब 52 प्रतिशत होगी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें