पैसे लेकर सवाल पूछने के मामले में लोकसभा से निष्कासित तृणमूल कांग्रेस (TMC) की नेता महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra ) की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. उन्हें सरकारी बंगला खाली करना पड़ेगा. इसको लेकर संसद की आवास समिति ने शहरी मामलों के मंत्रालय को चिट्ठी लिखी है. समिति ने मोइत्रा को आवास खाली करने का निर्देश देने के लिए अनुरोध किया है.
8 दिसंबर को महुआ मोइत्रा को लोकसभा से कर दिया गया निष्कासित
टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा को 8 दिसंबर को लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया. लोकसभा की आचार समिति ने उस रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया जिसमें मोइत्रा को ‘पैसे लेकर सवाल पूछने’ के मामले में ‘अनैतिक एवं अशोभनीय आचरण’ का जिम्मेदार माना गया था. संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने आठ दिसंबर को हंगामेदार चर्चा के बाद लोकसभा में मोइत्रा के निष्कासन का प्रस्ताव पेश किया जिसे सदन ने ध्वनिमत से मंजूरी दे दी. चर्चा में मोइत्रा को खुद का पक्ष रखने का मौका नहीं मिला.
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निशिकांत दुबे ने मोइत्रा पर लगाया था आरोप
मालूम हो बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने महुआ मोइत्रा पर पैसे लेकर सवाल पूछने का आरोप लगाया था. उनकी शिकायत पर ही एथिक्स कमेटी के अध्यक्ष विनोद कुमार सोनकर ने समिति की पहली रिपोर्ट सदन में पेश की थी. दुबे ने अक्टूबर में सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहाद्रई की एक शिकायत के आधार पर आरोप लगाया था कि मोइत्रा ने उद्योगपति गौतम अदाणी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करने के लिए कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से नकदी और उपहार के बदले में लोकसभा में सवाल पूछे थे. हीरानंदानी ने 19 अक्टूबर को आचार समिति को दिए एक हलफनामे में दावा किया था कि मोइत्रा ने लोकसभा सदस्यों की वेबसाइट के लिए उन्हें अपना ‘लॉग-इन आईडी’ और पासवर्ड दिया था.
महुआ मोइत्रा ने सुप्रीम कोर्ट में अपने निष्कासन को चुनौती दी
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की नेता महुआ मोइत्रा ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया और लोकसभा से अपने निष्कासन को चुनौती दी. अपने निष्कासन पर मोइत्रा ने आरोप लगाया कि सरकार लोकसभा की आचार समिति को, विपक्ष को झुकने के लिए मजबूर करने का हथियार बना रही है.