नयी दिल्ली : भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को इंडिया ग्लोबल वीक-2020 में भारत-चीन सीमा विवाद और कोविड-19 के मुद्दे को उठाया. इस सम्मेलन में उन्होंने ऑनलाइन हिस्सा लिया. चर्चा के दौरान विदेश मंत्री जयशंकर ने पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीनी और भारतीय सैनिकों के पीछे हटने की बात बतायी. इस दौरान उन्होंने भारत के साथ अमेरिका के बेहतर संबंधों पर चर्चा की.
उन्होंने कहा कि आप पिछले चार अमेरिकी राष्ट्रपतियों में डोनाल्ड ट्रंप, बराक ओबामा, जॉर्ज बुश और बिल क्लिंटन के बारे में सोचें, तब आप दुनिया में चार लोगों को एक-दूसरे से कम नहीं पाएंगे. फिर भी वे सभी एक बात पर एकमत थे और वह भारत का महत्व और उसके साथ संबंधों को मजबूत करने की जरूरत है.
विदेश मंत्री ने कहा कि इसमें कुछ हमारा आकर्षण भी हो सकता है, लेकिन मुझे लगता है कि यह भी उनकी सोच है. हमारे पास अमेरिका के साथ राजनीतिक, रणनीतिक, सुरक्षा, प्रौद्योगिकी, आर्थिक संबंध और रक्षा सहयोग बहुत मजबूत हैं. चीन के साथ सीमा पर शांति बहाली और सैनिकों को पीछे हटाए जाने को लेकर उठाए गए कदम पर उन्होंने कहा कि हमने पीछे हटने की जरूरत को महसूस किया और उस पर सहमति बनायी, क्योंकि दोनों देशों के सैनिक बेहद करीब आ गए थे. उन्होंने कहा कि पीछे हटने पर सहमति बनने के बाद इसकी शुरुआत हो गयी है और इस पर तेजी से काम भी चल रहा है.
कोविड-19 की स्थिति पर उन्होंने कहा कि बहुत सारे ट्रेंड जो हमने कोरोना वायरस से पहले देखे थे, उनमें कोविड-19 के बाद दुनियाभर में तेजी आ सकती है. उदाहरण के लिए छह महीनों में हमने कई देशों को राष्ट्रवादी व्यवहार करते हुए देखा है. जयशंकर ने कहा कि मैं एक ऐसी दुनिया देख रहा हूं, जहां बहसें तेज होंगी. मुझे लगता है कि विश्वास के मुद्दे होंगे, जो उठाए जाएंगे. लचीले आपूर्ति शृंखला पर प्रश्न होंगे. दुनिया अब और कठिन होने जा रही है.
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी को देखते हुए हमने देश में बहुत जल्दी ही लॉकडाउन लागू किया. हां, हमारे यहां केस अभी अधिक हैं, लेकिन अभी जनसंख्या के अनुपात में इतना भी ज्यादा नहीं है. हमारे यहां रिकवरी रेट 61 फीसदी है. हम काफी तैयारी कर रहे हैं.
Posted By : Vishwat Sen