सोशल मीडिया के पक्षपात का मामला एक बार फिर गरमा गया है. मामले को लेकर जहां कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अमेरिका की टाइम मैगज़ीन का हवाला देते हुए WhatsApp और BJP के बीच सांठ-गांठ की बात कही है. वहीं कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने शनिवार को फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग को एक महीने के भीतर दूसरी बार पत्र लिखकर पूछा कि इस सोशल नेटवर्किंग कंपनी की भारतीय इकाई की ओर से सत्तारूढ़ भाजपा के प्रति पूर्वाग्रह रखने के आरोपों के संदर्भ में क्या कदम उठाए जा रहे हैं ?
मामले को लेकर भाजपा सांसद रवि किशन ने राहुल गांधी पर करारा प्रहार किया है. उन्होंने कहा है कि राहुल जी का हमें समझ नहीं आता हर चीज पर भाजपा….भाजपा विश्व का सबसे बड़ा संगठन है पहले उसको समझिए… हम जमीन से लेकर आसमान तक काम करते हैं जान झोंक देते हैं… उसे आप हल्के में कुछ न बोल दें कि फेसबुक इनका है व्हाट्स ऐप भी इनका है. आइए ग्राउंड रिएलिटी देखिए….
आगे रवि किशन ने कहा कि राहुल गांधी आप पहले कांग्रेस को तो संभाल लीजिए, खत्म हो रही है… दिमाग से लेकर पार्टी अंदर तक खाली, खोखली हो चुकी है…अपनी पार्टी पर चिंतन कीजिए…जितनी जान ये भाजपा को पॉपुलर करने में झोंक रहे हैं कोई मतलब नहीं है… भाजपा कार्यशैली से आगे बढ़ गई….
कांग्रेस का पत्र : इधर कांग्रेस ने अमेरिका की मशहूर पत्रिका ‘टाइम’ की एक खबर का हवाला देते हुए जुकरबर्ग को पत्र लिखा है. उनका दावा है कि इस पत्रिका की खबर से भाजपा एवं फेसबुक इंडिया के ‘एक दूसरे को फायदा पहुंचाने और पक्षपात के सबूत’ तथा दूसरी जानकारियां सामने आई हैं.
भाजपा का पलटवार : कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार करते हुए सत्तारूढ़ पार्टी के आईटी प्रकोष्ठ के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा कि कांग्रेस और राहुल गांधी सोचते हैं कि चुनावों में उनकी लगातार पराजय के लिए उन्हें छोड़कर बाकी सब जिम्मेदार हैं. उन्हें मान लेना चाहिए कि जनता का कांग्रेस या राहुल गांधी के निष्प्रभावी, अदूरदर्शी नेतृत्व में कोई भरोसा नहीं रहा है. किसी सोशल मीडिया संस्था ने नहीं बल्कि भारत की जनता ने उन्हें नकारा है.
राहुल गांधी का ट्वीट : ‘टाइम’ की खबर शेयर करते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर दावा किया कि इससे ‘व्हाट्सऐप और भाजपा की सांठगांठ’ का खुलासा हो गया है. उन्होंने आरोप लगाया, भारत में व्हाट्एसऐप का 40 करोड़ लोग इस्तेमाल करते हैं. व्हाट्सऐप को पैसे के लेनदेन की सेवा आरंभ करने के लिए मोदी सरकार की अनुमति की जरूरत है. ऐसे में व्हाट्सऐप भाजपा की गिरफ्त में है.
Posted By : Amitabh Kumar