चीन सहित कई देशों में कोरोना ने फिर से तबाही मचाना शुरू कर दिया है. जिसके बाद भारत सहित कई देशों ने कोरोना संक्रमण को लेकर सतर्कता बढ़ा दी है. कोरोना की चौथी लहर की आशंका को देखते हुए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने हाई लेवल बैठक की और लोगों को कोरोना प्रोटोकॉल फॉलो करने की सलाह दी. साथ ही लोगों को कोरोना से जुड़ी अफवाहों पर गौर नहीं करने की सलाह दी है. लेकिन इस बीच सोशल मीडिया पर एक मैसेज तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि कोरोना संबंधित पोस्ट करने पर जेल की सजा तक हो सकती है. यही नहीं आईटी एक्ट के तहत ग्रुप एडमिन सहित सभी सदस्यों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई भी हो सकती है.
क्या किया जा रहा है वायरल मैसेज में दावा
सोशल मीडिया में जो मैसेज वायरल हो रहा है, उसमें लिखा गया है कि ग्रुप के सभी सम्मानीय सदस्यों को सूचित किया जाता है कि अभी केंद्र सरकार द्वारा कोरोना वायरस से संबंधित कोई भी पोस्ट को दण्डनीय अपराध घोषित कर दिया गया है. आगे लिखा गया है कि कोरोना पर सिर्फ सरकारी एजेंसी ही पोस्ट कर सकती है. गलत पोस्ट या मैसेज करने पर ग्रुप एडमिन सहित पूरे ग्रुप के सदस्यों पर आईटी एक्ट के अंतर्गत मुकदमा दर्ज कराकर कार्रवाई की जाएगी. आखिर में लिखा गया है, मैसेज पर ध्यान दें और सुरक्षित रहें. मैसेज केंद्रीय गृह मंत्रालय के हवाले से लिखा गया है.
क्या है वायरल मैसेज की सच्चाई
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे मैसेज की सच्चाई क्या है, इसकी पड़ताल पीआईबी फैक्ट चेक की टीम ने की है. पीआईबी की टीम ने वायरल मैसेज को शेयर किया और लिखा, यह दावा फर्जी है और सरकार की ओर से ऐसा कोई भी आदेश जारी नहीं किया गया है. पीआईबी ने लोगों को जागरूक करते हुए लिखा, वायरल मैसेज फर्जी है, लेकिन जैसी गंभीर बीमारी पर सही और विश्वसनीय जानकारी साझा करना अत्यंत आवश्यक है. पीआईबी ने आगे लिखा, जिम्मेदार नागरिक बनें और केवल सही जानकारी शेयर करें.
क्या केंद्र सरकार द्वारा कोरोना वायरस से सम्बंधित पोस्ट करने को दण्डनीय अपराध घोषित कर दिया गया है❓#PIBFactcheck
✅ नहीं, लेकिन #COVID19 जैसी गंभीर बीमारी पर सही और विश्वसनीय जानकारी साझा करना अत्यंत आवश्यक है‼️
✅ ज़िम्मेदार नागरिक बनें और केवल सही जानकारी शेयर करें‼️ pic.twitter.com/kPPryTwBDv
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) December 27, 2022