नयी दिल्ली: किसानों के एक साल के आंदोलन के बाद आखिरकार सरकार ने संसद से पारित किये गये तीन कृषि कानूनों को वापस ले लिया है. भारत के राजपत्र में इसे प्रकाशित भी कर दिया गया है. इसमें कहा गया है कि 29 नवंबर 2021 को लोकसभा में पेश किये गये इस बिल का नाम फार्म लॉज रिपील एक्ट 2021 (Farm Laws Repeal Act 2021) होगा.
राजपत्र (Gazette of India) में प्रकाशित असाधारण सूचना में कहा गया है कि फार्मर्स (इम्पावरमेंट एंड प्रोटेक्शन) एग्रीमेंट ऑन प्राइस एश्योरेंस एंड फार्म सर्विसेज एक्ट 2020 (Farmers (Empowerment&Protection) Agreement on Price Assurance&Farm Services Act, 2020), फार्मर्स प्रोड्यूस ट्रेड एंड कॉमर्स (प्रमोशन एंड फैसिलिटेशन) एक्ट 2020 (Farmers’ Produce Trade&Commerce (Promotion & Facilitation) Act, 2020) एवं इसेंसियल कमोडिटीज (अमेंडमेंट) एक्ट 2020 (Essential Commodities (Amendment) Act, 2020) को वापस लिया जाता है.
इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि इसेंसियल कमोडिटीज एक्ट 1955 के सेक्शन 3 के सब-सेक्शन (1A) को खत्म किया जाता है. यहां बताना प्रासंगिक होगा कि वर्ष 2020 में नरेंद्र मोदी की सरकार ने तीन कृषि कानूनों (Farm Laws) को संसद से पारित करवाया था. सरकार और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने इसे ऐतिहासिक पहल करार दिया था.
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हालांकि, उपरोक्त कानूनों के संसद से पारित होने के बाद सबसे पहले पंजाब में किसानों ने इसके विरोध में आंदोलन शुरू कर दिया. धीरे-धीरे किसान दिल्ली की सीमा पर पहुंचे और उत्तर प्रदेश एवं हरियाणा से सटी सीमाओं को सील कर दिया. किसानों ने हजारों ट्रैक्टर के साथ धरना-प्रदर्शन शुरू किया और सीमाओं पर डेरा डाल दिया.
#FarmLaws | Act may be called Farm Laws Repeal Act, 2021. Farmers (Empowerment&Protection) Agreement on Price Assurance&Farm Services Act, 2020, Farmers' Produce Trade&Commerce (Promotion & Facilitation) Act, 2020 & Essential Commodities (Amendment) Act, 2020 are hereby repealed. pic.twitter.com/8JHvEs34bR
— ANI (@ANI) December 1, 2021
केंद्र सरकार के साथ किसान प्रतिनिधियों की कई दौर की बातचीत हुई. कृषि मंत्री ने किसानों को भरोसा दिलाया कि बिल में अगर कोई त्रुटि है, तो उसमें संशोधन के लिए सरकार तैयार है. लेकिन, किसान इन तीनों कृषि कानूनों की वापसी से कम पर मानने को तैयार नहीं थे. इस बीच, 26 जनवरी को किसानों ने ट्रैक्टर मार्च निकाला.
किसानों के ट्रैक्टर मार्च की आड़ में कुछ उपद्रवी तत्वों ने खालिस्तान का झंडा लाल किला पर फहरा दिया. पुलिस वालों पर हमले हुए. पुलिसकर्मियों को अपनी जान बचाने के लिए लाल किला से छलांग लगाते देखा गया. इस घटना के बाद कई किसान संगठनों ने आंदोलन से किनारा कर लिया. लेकिन, राकेश टिकैत के आंसुओं ने किसानों को फिर से एकजुट किया.
अंतत: सरकार को झुकना पड़ा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुनानक देव की जयंती पर तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान कर दिया. उन्होंने देश से माफी भी मांगी. पीएम मोदी ने कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा करते हुए कहा कि वह किसानों को अपनी बात समझाने में नाकाम रहे.
Posted By: Mithilesh Jha