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Farmers Protest: 7 दिनों का अल्टीमेटम! दिल्ली मार्च पर फिलहाल ब्रेक, जानिए क्या हुई बात

Farmers Protest: सरकार की ओर से अधिग्रहित अपनी जमीनों के उचित मुआवजे की मांग को लेकर सोमवार को किसानों ने जमकर हंगामा किया. दिल्ली कूच करने की किसान कोशिश करते रहे. इस बीच शाम को प्रशासन के साथ बातचीत के बाद किसानों ने एक अल्टीमेटम के साथ अपने आंदोलन पर एक सप्ताह का ब्रेक लगा दिया है.

Farmers Protest: किसानों के दिल्ली मार्च को लेकर नोएडा की सड़कों पर पूरा दिन हंगामा होता रहा. मार्च को दिल्ली में दाखिल होने से रोकने के लिए पुलिस ने पूरे इंतजाम किये थे. वहीं, किसान दिल्ली में दाखिल होने के लिए जद्दोजहद करते रहे. इस बीच प्रशासन और किसानों की बातचीत रंग लाई, और किसानों ने दिल्ली मार्च पर फिलहाल ब्रेक लगा दिया है. साथ ही सात दिन का अल्टीमेटम भी दिया है.

दलित प्रेरणा स्थल पर रहेंगे प्रदर्शनकारी किसान

किसानों ने फिलहाल अपना आंदोलन को विराम दिया है. हालांकि दलित प्रेरणा स्थल पर करीब तीन हजार किसान रुक रहे हैं. इसके लिए किसानों ने जरूरी इंतजाम भी करने में जुटे हैं. ठंड के समय किसानों यहां एक सप्ताह का समय गुजारेंगे. बता दें, सोमवार को नोएडा के रास्ते दिल्ली कूच करने को आमादा किसानों की एंट्री से कई जगहों पर भयंकर जाम लग गया. कई जगहों पर किसानों और पुलिस के बीच झड़प भी हुई.

वापस लौटेंगे किसान या फिर होगा आंदोलन!

सोमवार को प्रशासनिक अधिकारियों से बात करने के बाद किसान सड़क से हट गये. प्रशासन ने भी बैरिकेडिंग को फिर से खोल दिया. हालांकि बड़ी संख्या में किसान दलित प्रेरणा स्थल के अंदर धरने रुके हुए हैं. किसानों की ओर से सरकार को 7 दिनों का समय दिया गया है. इस बीच अगर किसानों की बात मान ली जाती है तो अपना आंदोलन खत्म कर वापस लौट जाएंगे. वहीं अगर बात नहीं बनी तो किसानों ने बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है.

राकेश टिकैत ने क्या कहा

किसानों के दिल्ली चलो मार्च पर किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि गौतम बुद्ध नगर में तीन प्राधिकरण हैं, नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना. इन तीनों जगहों पर किसानों की जमीन अधिग्रहित की गई है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी किसानों को 64 फीसदी अधिक मुआवजा देने को कहा है. किसानों को 10 फीसदी जमीन देने का वादा भी किया गया था, लेकिन सभी किसानों को वह जमीन नहीं दी जा रही है.

क्या है किसानों की मांग

किसानों की मांग है कि भूमि अधिग्रहण कानून के अनुसार 1 जनवरी 2014 के बाद अधिग्रहित भूमि का चार गुना मुआवजा उन्हें दिया जाए. किसानों ने यह भी मांग की है कि नये भूमि अधिग्रहण कानून का लाभ जिले में लागू किए जाएं. जमीन अधिग्रहण के बदले उन्हें 10 फीसदी विकसित भूखंड दिया जाए. भूमिहीन किसानों के बच्चों को रोजगार और पुनर्विकास की सुविधा दिया जाये. किसानों ने यह मांग की है कि हाई पावर कमेटी की सिफारिशें लागू की जाए.

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