केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ हजारों किसान 19 दिनों से दिल्ली बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. दूसरी ओर हरियाणा, उत्तराखंड के बाद तमिलनाडु, तेलंगाना, महाराष्ट्र, बिहार के कुछ किसानों ने कृषि कानूनों का समर्थन किया है. किसानों के दल ने आज केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ मुलाकात भी की और उन्हें पत्र भी सौंपा.
कृषि मंत्री ने किसानों के साथ मुलाकात के बाद बताया कि अखिल भारतीय किसान समन्वय समिति के सदस्य तमिलनाडु, तेलंगाना, महाराष्ट्र, बिहार से आए थे. उन्होंने फार्म बिल का समर्थन किया और हमें उसी पर एक पत्र दिया. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने किसानों के कल्याण के लिए ऐसा किया है और वे इसका स्वागत और समर्थन करते हैं.
कृषि मंत्री ने कहा, हम किसानों के साथ वार्ता के लिए तैयार हैं. यदि उनका प्रस्ताव आता है, तो सरकार निश्चित रूप से यह करेगी. वे हमारे प्रस्ताव पर अपनी राय देंगे, हम निश्चित रूप से आगे की वार्ता करेंगे.
मालूम हो इससे पहले हरियाणा और उत्तराखंड के किसान संगठनों ने कृषि कानूनों का समर्थन किया और कृषि मंत्री के साथ मुलाकात कर उन्हें अपना प्रस्ताव सौंपा.
क्यों विरोध कर रहे हैं किसान ?
गौरतलब है केंद्र द्वारा बनाए तीन कृषि कानूनों -कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) कानून- 2020, कृषि (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत अश्वासन और कृषि सेवा करार कानून- 2020, आवश्यक वस्तु संशोधन कानून- 2020 -का विरोध कर रहे हैं. आंदोलनकारी किसानों को आशंका है कि इन कानूनों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) प्रणाली को खत्म करने का रास्ता साफ होगा और बड़े उद्योगों की ‘दया’ पर वे निर्भर हो जाएंगे. सरकार का कहना है कि नये कानूनों से किसानों को बेहतर अवसर मिलेंगे और कृषि क्षेत्र में नयी प्रौद्योगिकी आएगी.
posted by – arbind kumar mishra