नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने एक ऐसी बात कह दी है जिसकी चर्चा सोशल मीडिया पर हो रही है. दरअसल, शनिवार को फारूक अब्दुल्ला ने एक जनसभा में कहा कि लोगों को धर्म के आधार पर बांटकर पार्टी को कमजोर करने का प्रयास किया जा रहा है. ये रजनीतिक लोगों की साजिश है. चुनाव के दौरान ये कहते नजर आ जाते हैं कि ‘हिंदू खतरे में हैं’. उन्होंने लोगों से ऐसी बातों में नहीं पड़ने की सलाह दी.
उपरोक्त बातें कहकर फारूक अब्दुल्ला ने भाजपा पर हमला किया. जनसभा को संबोधित करते हुए जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री अब्दुल्ला ने कहा कि कोई भी धर्म खराब नहीं होता है. यह लोग हैं जो करप्ट हैं. धर्म नहीं…उन्होंने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस (National Conference, NC) ने कभी भी पाकिस्तान का साथ नहीं दिया. जिन्ना मेरे पिता के पास आये थे. लेकिन हमने उनके साथ जाने से मना कर दिया. फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि भगवान राम सबके हैं. वे केवल हिंदू धर्म के लोगों के नहीं हैं.
फारूक अब्दुल्ला ने केंद्र की मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में अपने वादे पूरे नहीं किये. 50,000 नौकरियों का वादा किया गया था, कहां गयी वो नौकरियां ? हमारे डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ और हमारे बच्चे सभी बेरोजगार हैं. यहां चुनाव जरूरी है. एक राज्यपाल द्वारा सब नहीं किया जा सकता है, आप उसे जवाबदेह नहीं ठहरा सकते हैं.
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फारूक अब्दुल्ला ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि हमारी पार्टी ने कभी भी पाकिस्तान का पक्ष नहीं लिया है और हमेशा से ही चट्टान की तरह मजबूती के साथ भारत के साथ खड़ी रही. उन्होंने जम्मू-कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने की वकालत करते हुए कहा कि वह समय दूर नहीं जब जम्मू-कश्मीर और लद्दाख एक बार फिर एक साथ होते नजर आएंगे. यहां चर्चा कर दें कि अगस्त 2019 में केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद-370 को निरस्त कर उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने का ऐलान किया था.