नयी दिल्ली : देश में कोरोना का आंकड़ा दो लाख सात हजार छह सौ पंद्रह हो गया है, जिसमें से एक लाख एक हजार चार सौ 97 एक्टिव केस है. देश में मरने वालों का आंकड़ा पांच हजार आठ सौ पंद्रह है. पिछले पंद्रह दिनों में देश में कोरोना का आंकड़ा डरावने अंदाज में ऊपर चढ़ा है. लेकिन एक ही बात संतोषप्रद है कि अब देश में जो मौत हुई है, उसमें से 73 प्रतिशत किसी ना किसी अन्य बीमारी से पीड़ित थे.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कल प्रेस वार्ता के दौरान दावा किया कि देश में कोरोना से मृत्युदर काफी कम है. देश में मात्र 2.82 प्रतिशत लोगों की ही मौत कोरोना से हुई है. आईसीएमआर का कहना है कि देश में कोरोना के विस्तार को रोकने के लिए कई प्रयास हुए हैं. चलिए अब बात मृत्यु की करते हैं.
देश में 60 साल से अधिक आयु वर्ग के लोगों की जनसंख्या पूरी आबादी का 10 प्रतिशत है और कोरोना वायरस के कारण जो मौत हुई है उसका 50 प्रतिशत इसी आबादी में से है. यानी कि कोरोना से मरने वालों में से 50 प्रतिशत 60 साल से अधिक के हैं.
स्वास्थ्य मंत्रालय का दावा है कि देश में कोरोना से जितनी मौत हुई है, उसमें से 73 प्रतिशत किसी अन्य बीमारी से पीड़ित थे. देश की जनसंख्या का आठ प्रतिशत 60 से 74 साल के लोग हैं और ये कोरोना से होने वाली मौत का 38 प्रतिशत हैं. जबकि 74 साल से अधिक के लोगों में कोरोना से 12 प्रतिशत मौत हुई है.
देश में ऐसे लोगों की संख्या काफी कम है, जो सिर्फ कोरोना से पीड़ित हुए और उनकी मौत हो गयी. स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह भी दावा किया है कि देश में जो कोरोना पीड़ित हैं उनमें से मात्र दो प्रतिशत मरीजों को ही वेंटिलेटर की जरूरत होती है, बाकी मरीज ओरल मेडिसीन और पौष्टिक आहार से ही ठीक हो जाते हैं.
इसलिए कोरोना से डरने की बहुत ज्यादा जरूरत नहीं है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि हम इस बीमारी को रोकने में सक्षम हैं और बहुत हद तक सफल भी रहे हैं. विश्व में प्रति एक लाख लोगों पर मृत्यु दर 4.9 प्रतिशत है, जबकि भारत में यह आंकड़ा 0.41 प्रतिशत है.