नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश के वरिष्ठ अधिवक्ता केटीएस तुलसी ने अपनी दिवंगत मां बलजीत कौर तुलसी की लिखी पुस्तक ‘द रामायण ऑफ श्री गुरु गोबिंद सिंह जी’ की पहली प्रति शुक्रवार को भेंट की. पुस्तक का प्रकाशन इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) द्वारा किया गया है.
Prime Minister Narendra Modi receives the first copy of the book, ‘The Ramayana of Shri Guru Gobind Singh Ji’ penned by Late Baljit Kaur Tulsi, mother of noted lawyer KTS Tulsi. The book has been published by IGNCA. pic.twitter.com/FBO1jaYm7k
— ANI (@ANI) July 9, 2021
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा है कि ”स्वर्गीय श्रीमती बलजीत कौर तुलसी जी द्वारा लिखित पुस्तक ‘द रामायण ऑफ श्री गुरु गोबिंद सिंह जी’ की पहली प्रति प्राप्त की, जो प्रसिद्ध वकील श्री केटीएस तुलसी जी की मां हैं. पुस्तक का प्रकाशन आईजीएनसीए द्वारा किया गया है.”
Received the first copy of the book, ‘The Ramayana of Shri Guru Gobind Singh Ji’ penned by Late Mrs. Baljit Kaur Tulsi Ji, who is the mother of noted lawyer Shri KTS Tulsi Ji. The book has been published by IGNCA. pic.twitter.com/ZKdWJjcble
— Narendra Modi (@narendramodi) July 9, 2021
During our interaction, the learned Shri KTS Tulsi Ji spoke about the noble tenets of Sikhism and also recited Gurbani Shabad. I was touched by his gesture. Here is an audio. https://t.co/0R9z836sLi
— Narendra Modi (@narendramodi) July 9, 2021
साथ ही उन्होंने एक एक ऑडियो क्लिप साझा करते हुए कहा है कि ”हमारी बातचीत के दौरान, विद्वान श्री केटीएस तुलसी जी ने सिख धर्म के महान सिद्धांतों के बारे में बात की और गुरबानी शबद का पाठ भी किया. मैं उसके हावभाव से छू गया था.”
मालूम हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में राम जन्मभूमि ट्रस्ट की ओर से भूमि पूजन कार्यक्रम के दौरान भाषण में गुरु गोबिंद सिंह जी के रामायण का उल्लेख किया था. हालांकि, उसके बाद विरोध भी शुरू हो गया था. उन्होंने कहा था कि गुरु गोबिंद सिंह ने ‘गोबिंद रामायण’ लिखी है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मौके की तस्वीरें भी साझा की हैं. इस मौके पर सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता केटीएस तुलसी के साथ-साथ आईजीएनसीए के सचिव सच्चिदानंद जोशी, राज्यसभा सदस्य सोनल मानसिंह भी मौजूद थे.