देश के कई राज्यों में बारिश का कहर जारी है. आंध्र प्रदेश, गुजरात, केरल में भारी बारिश से कई नदियां ऊफान पर हैं. आंध्र प्रदेश में 36 साल के अंतराल के बाद भीषण बाढ़ की आशंका पैदा हो गई है क्योंकि गोदावरी नदी भयंकर रूप लेती जा रही है जिससे ज्यादातर पश्चिम गोदावरी और कोनसीमा जिलों के कई गांवों के जलमग्न होने का खतरा है. गोदावरी नदी राजामहेंद्रवरम के पास दोवालेस्वरम में सर आर्थर कॉटन बैराज में 17 लाख क्यूसेक के खतरे के तीसरे स्तर के करीब बह रही है और आज रात बाढ़ का खतरा बढ़ सकता है.
पड़ोसी तेलंगाना के भद्राचलम में 18 लाख क्यूसेक से अधिक बाढ़ का पानी छोड़ा गया है, जो अगले कुछ घंटों में कॉटन बैराज तक पहुंच जाएगा. मुख्यमंत्री वाई. एस. जगन मोहन रेड्डी बाढ़ से हुई तबाही का आकलन करने के लिए शुक्रवार दोपहर हवाई सर्वेक्षण करेंगे. बताते चले कि गोदावरी में 1986 की बाढ़ के बाद यह सबसे भयंकर बाढ़ होगी.
उत्तरी केरल में बीते कुछ दिन में मूसलाधार बारिश और तेज हवाओं ने भारी तबाही मचाई है. राज्य के कासरगोड, कोझिकोड और वायनाड जिलों में नदियां उफान पर हैं, जिसके चलते लोगों को आश्रय स्थलों में स्थानांतरित करना पड़ा है. आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि दो गर्भवती महिलाओं, सात बच्चों और एक दिव्यांग व्यक्ति समेत लगभग 427 लोगों को वायनाड जिले में स्थापित किए गए आठ पुनर्वास शिविरों में भेजा गया है. तेजस्विनी और मधुवाहिनी नदियां इस सप्ताह की शुरुआत से उफान पर हैं, जिसके चलते जिले के कई हिस्सों में बाढ़ आ गई है.
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गुजरात के नवसारी में लगातार बारिश और बाढ़ भयावह हो चली है. सरकारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, तापी जिले के दोल्वन तालुका में गांव में बाढ़ से सैकड़ों लोग फंसे हुए है,जिन्हें एनडीआरफ ने रेस्क्यू कर निकाला. वहीं, भारतीय तटरक्षक बल ने तोरण गांव में फंसे दो महिलाओं और एक बच्चे को बचाया. व्यथित महिलाओं और बच्चों को तेजी से विमान में उतारा गया और सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया.
इनपुट- भाषा