महाराष्ट्र में कांग्रेस-एनसीपी-शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) गठबंधन के भविष्य पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं. दरअसल चर्चाओं का बाजार तब गर्म हुआ, जब लोकसभा चुनाव 2024 में महाविकास अघाड़ी गठबंधन को लेकर पूछे गये सवाल पर शरद पवार ने कहा, साथ मिलकर चुनाव लड़ने की हमारी इच्छा है, लेकिन इच्छा से क्या होता है. पवार के इस बयान को गठबंधन में टूट के रूप में देखा जा रहा है. अब इस मामले में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का बयान भी आ चुका है.
शिंदे ने शरद पवार के बयान को बताया महत्वपूर्ण, कहा- समझ सकता है कि वे क्या चाहते हैं
एमवीए पर एनसीपी प्रमुख शरद पवार के बयान पर महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा, वह एक अनुभवी नेता हैं. उनकी टिप्पणियां महत्वपूर्ण हैं… अब, कोई भी सोच और समझ सकता है कि वे क्या चाहते हैं. शिंदे ने कहा, वह जो भी बोलते हैं, उसमें गंभीरता होती है. जिसको जो सोचना है, सोचे मैं बस इतना ही कहूंगा.
#WATCH | He is an experienced leader. His comments are important…Now, anyone can think & understand what they want: Maharashtra CM Eknath Shinde on NCP chief Sharad Pawar's statement on MVA pic.twitter.com/IabYHh6Sci
— ANI (@ANI) April 24, 2023
शरद पवार ने क्या दिया था बयान
दरअसल एनसीपी चीफ शरद पवार से 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर पूछा गया, तो उन्होंने कांग्रेस-उद्धव ठाकरे गुट के साथ मिलकर चुनाव लड़ने पर ऐसा बयान दे दिया, जिससे महाविकास अघाड़ी गठबंधन के भविष्य पर सवाल उठने लगे. दरअसल पवार ने कहा, हमारी इच्छा तो है कि हम साथ मिलकर काम करें, लेकिन इच्छा से क्या होता है. विधानसभा और लोकसभा चुनाव हैं. अघाड़ी रहेगी या नहीं, इस पर चर्चा नहीं हुई. उन्होंने आगे कहा, कई प्रक्रिया होती है. सीट बंटवारे का मुद्दा होता है.
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2024 में महा विकास अघाड़ी की पार्टियां साथ मिलकर लड़ेंगी चुनाव : राउत
उद्धव ठाकरे गुट के नेता संजय राउत ने महाविकास अघाड़ी गठबंधन में फूट की खबर के बीच कहा, महा विकास अघाड़ी रहेगा. इसके प्रमुख नेता उद्धव ठाकरे और शरद पवार हैं. 2024 में महा विकास अघाड़ी की पार्टियां (महाराष्ट्र विधानसभा) एक साथ चुनाव लड़ेंगी.
जो हमारे साथ रहेगा हम उसके साथ आगे बढ़ेंगे: कांग्रेस
NCP प्रमुख शरद पवार के बयान पर महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा, भाजपा के खिलाफ राजनीतिक दलों के साथ मिलकर लड़ना कांग्रेस की भूमिका है. गठबंधन में शामिल लोगों की भूमिका अलग हो सकती है. लोकतंत्र खतरे में है, किसान संकट में है, किसान महंगाई से परेशान है, जो हमारे साथ रहेगा हम उसके साथ आगे बढ़ेंगे… किसी के मन में क्या है ये हमारा सवाल नहीं है.