G-20 Summit: मानव पूंजी विकास के समर्थन में निवेश के महत्व को स्वीकार करते हुए जी20 ने शनिवार को सभी शिक्षार्थियों के लिए डिजिटल विभाजन को दूर करने के वास्ते डिजिटल प्रौद्योगिकियों का उपयोग करने और उभरते रुझानों एवं तकनीकी प्रगति के साथ तालमेल रखने में शैक्षिक संस्थानों और शिक्षकों का सहयोग करने को लेकर प्रतिबद्धता जताई. जी20 के सदस्यों ने अपने नेताओं के घोषणापत्र में खुले, न्यायसंगत और सुरक्षित वैज्ञानिक सहयोग को बढ़ावा देने और अनुसंधान एवं उच्च शिक्षा संस्थानों में छात्रों, विद्वानों, शोधकर्ताओं और वैज्ञानिकों की गतिशीलता को प्रोत्साहित करने का समर्थन किया.
घोषणापत्र में कहा गया, हम सभी के लिए समावेशी, न्यायसंगत, उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा और कौशल प्रशिक्षण के लिए प्रतिबद्ध हैं, जिसमें कमजोर परिस्थितियों में रहने वाले भी शामिल हैं. हम मानव पूंजी विकास को बढ़ावा देने में निवेश के महत्व को पहचानते हैं. हम शिक्षा और रोजगार के प्राथमिक निर्माण खंड के रूप में मूलभूत शिक्षा (साक्षरता, संख्यात्मकता और सामाजिक भावनात्मक कौशल) के महत्व को समझते हैं. बयान में कहा गया है कि हम सभी शिक्षार्थियों के लिए डिजिटल विभाजन को दूर करने के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकियों का उपयोग करने और शैक्षिक संस्थानों एवं शिक्षकों को समर्थन देने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हैं ताकि वे उभरते रुझानों और कृत्रिम मेधा (आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस) सहित तकनीकी विकास के साथ तालमेल रख सकें.
घोषणापत्र में उच्च गुणवत्ता वाली तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण (टीवीईटी) तक पहुंच बढ़ाने पर जोर दिया गया है. इसमें कहा गया कि हम खुले, न्यायसंगत और सुरक्षित वैज्ञानिक सहयोग को बढ़ावा देने और अनुसंधान एवं उच्च शिक्षा संस्थानों में छात्रों, विद्वानों, शोधकर्ताओं और वैज्ञानिकों की गतिशीलता को प्रोत्साहित करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं.
जी20 नेता कौशल संबंधी कमियों को दूर करने के लिए प्रतिबद्ध
जी20 के सदस्य देश कौशल कमियों को दूर करने, अच्छे काम को बढ़ावा देने और सभी के लिए समावेशी सामाजिक सुरक्षा नीतियां सुनिश्चित करने पर सहमत हुए. वैश्विक नेता द्विपक्षीय और बहुपक्षीय समझौतों के जरिए सामाजिक सुरक्षा लाभों को आगे बढ़ाने पर विचार करने के लिए भी सहमत हुए. इसके अलावा वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं के साथ बाल श्रम और जबरन श्रम के उन्मूलन के लिए प्रयासों को बढ़ाने पर भी सहमति बनी.
इन उद्देश्य की प्राप्ति के लिए जी20 नयी दिल्ली घोषणापत्र के अनुसार सदस्य देशों ने वैश्विक स्तर पर कौशल की कमियों को पाटने के प्रयासों को तेज करने पर जोर दिया. ऐसा राष्ट्रीय सांख्यिकीय डेटा को मजबूत करके, और सदस्य देशों के नौकरियों के आंकड़ों के लिए आईएलओ और ओईसीडी (आर्थिक सहयोग और विकास संगठन) के कौशल विकास को बढ़ाकर किया जा सकता है. घोषणा पत्र में कहा गया कि कौशल संबंधी कमियों को कम करने पर काम करने के लिए समूह समावेशी सामाजिक सुरक्षा नीतियों को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
जी20 ने ईंधन के रूप में कोयले के उपयोग को धीरे-धीरे कम करने पर जताई प्रतिबद्धता
इधर, जी20 देशों ने राष्ट्रीय परिस्थितियों के अनुरूप ईंधन के रूप में कोयले के इस्तेमाल को धीरे-धीरे कम करने के प्रयासों में तेजी लाने और जीवाश्म ईंधन सब्सिडी को तर्कसंगत बनाने के लिए पिट्सबर्ग में 2009 में किए गए अपने वादे को बरकरार रखने की प्रतिबद्धता जताई. जी20 घोषणापत्र में कहा गया है कि दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के इस समूह ने कम उत्सर्जन वाली ऊर्जा प्रणालियों में परिवर्तन के लिए प्रौद्योगिकियों के विकास, उपयोग और प्रसार में तेजी लाने के महत्व को स्वीकार किया. उन्होंने विशेष रूप से स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन को तेजी से विस्तार देने पर जोर दिया.
जी20 घोषणापत्र में कहा गया, हम पिट्सबर्ग में 2009 में की गई प्रतिबद्धता को लागू करने के लिए अपने प्रयासों को तेज करेंगे ताकि अपर्याप्त जीवाश्म ईंधन सब्सिडी को धीरे-धीरे कम किया सके और तर्कसंगत बनाया जा सके. इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं और साथ ही सबसे गरीब लोगों के लिए लक्षित सहायता प्रदान की जाएगी. इसमें आगे कहा गया है, हम कम उत्सर्जन वाली ऊर्जा प्रणालियों की ओर बढ़ने के मकसद से प्रौद्योगिकियों के विकास, उपयोग और प्रसार में तेजी लाने और अनुकूल नीतियों को अपनाने के महत्व को स्वीकार करते हैं. इसमें नवीकरणीय ऊर्जा सहित स्वच्छ ईंधन उत्पादन को बढ़ाना शामिल है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को यहां जी20 नेताओं की बैठक में घोषणापत्र को स्वीकार किए जाने की घोषणा की.