भोपाल : अफ्रीकी देश नामीबिया से लाकर मध्य प्रदेश के श्योपुर कूनो राष्ट्रीय अभयारण्य (केएनपी) रखे गए चीतों के लिए अब एक नया घर बनाया जा रहा है. मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ऐलान किया है कि गांधी सागर अभयारण्य को चीतों के लिए विकसित किया जा रहा है और अगले छह महीने में बनकर तैयार हो जाएगा. वन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि वन्यजीव सलाहकार बोर्ड के अधिकारियों के साथ एक बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वन अधिकारियों को अगले छह महीनों में गांधी सागर अभयारण्य को चीतों के नए घर के रूप में विकसित करने का निर्देश दिया.
चीतों के लिए कूनो नेशनल पार्क में पर्याप्त जगह नहीं
मीडिया की रिपोर्ट में कहा गया है कि मध्य प्रदेश के गांधी सागर में नामीबिया से लाए गए चीतों के लिए नया निवास स्थान बनाने के लिए शिवराज सिंह चौहान सरकार की ओर से यह कदम विशेषज्ञों के सुझाव के बाद उठाया गया है. विशेषज्ञों ने सरकार को सुझाव दिया है कि कूनो राष्ट्रीय अभयारण्य नामीबिया से लाए गए सभी चीतों के लिए पर्याप्त नहीं है. शुक्रवार को वन्यजीव सलाहकार बोर्ड के सदस्य अभिलाष खांडेकर ने भी सरकार को यह सुझाव दिया है कि कूनो राष्ट्रीय अभयारण्य में रखे गए चीतों की संख्या में बढ़ोतरी होने के बाद उनके लिए यह स्थान पर्याप्त नहीं होगा. इसलिए, उन्हें किसी दूसरे स्थान पर भेजना होगा.
छह महीने में नया घर बनाने का आदेश
वन्यजीव सलाहकार बोर्ड सदस्य अभिलाष खांडेकर की सलाह के बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि गांधी सागर अभयारण्य जल्द से जल्द चीता के लिए विकसित किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर इस अभयारण्य को जल्द ही तैयार नहीं किया गया, तो चीतों को राजस्थान भेज दिया जाएगा और फिर मध्य प्रदेश की चीता के स्टेट के रूप में पहचान खत्म हो जाएगी. बोर्ड के सदस्य अभिलाष खांडेकर के प्रस्ताव के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तत्काल वन अधिकारियों को गांधी सागर अभयारण्य को छह महीने के अंदर विकसित करने के निर्देश दिए.
Also Read: नामीबिया से एमपी के कूनो नेशनल पार्क लाई गई मादा चीता ‘साशा’ की मौत, किडनी में हुआ था इन्फेक्शन
20 करोड़ रुपये की लागत से बनेगा चीतों का नया ठिकाना
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आगे कहा कि चीतों के नया घर बनाने के लिए गांधी सागर अभयारण्य को विकसित करने में करीब 20 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. उधर, वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने कूनो राष्ट्रीय अभयारण्य में रखे गए चीतों के लिए जगह की कमी की बात पहले ही सरकार तक पहुंचा दी गई थी. वन विभाग के अधिकारियों ने चीतों के लिए दूसरा घर बनाने का अनुरोध किया है, क्योंकि कूनो राष्ट्रीय अभयारण्य के पास पर्याप्त जगह नहीं है. वन विभाग ने राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) से इस संबंध में निर्णय लेने को कहा था.