Bihar Tableau On Republic Day: बिहार राज्य की झांकी में इस बार बिहार की समृद्ध ज्ञान एवं शांति की परंपरा को बखूबी प्रदर्शित किया गया है. प्राचीन काल से बिहार ज्ञान, मोक्ष एवं शांति की भूमि के रूप में प्रसिद्ध रहा है. झांकी में भगवान बुद्ध को प्रदर्शित किया गया है, जो शांति का संदेश देते हुए बिहार की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक बनते हैं. यह भगवान बुद्ध की मूर्ति राजगीर स्थित घोड़ा कटोरा जलाशय में स्थित है, जो प्रतिवर्ष लाखों पर्यटकों को आकर्षित करता है. इस मूर्ति को वर्ष 2018 में एक ही पत्थर से 70 फीट ऊंचा बनाया गया, और इसके साथ ही घोड़ा कटोरा झील का विकास इको टूरिज्म के क्षेत्र में बिहार सरकार का महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ है.
बिहार की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत अत्यंत समृद्ध है. झांकी में प्राचीन नालन्दा विश्वविद्यालय के भग्नावशेषों को भी दर्शाया गया है, जो यह बताते हैं कि यहां दुनिया भर से छात्र ज्ञान प्राप्त करने आते थे. नालन्दा विश्वविद्यालय के भग्नावशेष प्राचीन भारत की ज्ञान परंपरा के प्रतीक हैं, जिनका संरक्षण और संवर्धन भारतीय सांस्कृतिक धरोहर को बचाए रखने के लिए बेहद जरूरी है.
बिहार सरकार द्वारा नालन्दा के प्राचीन गौरव को पुनः स्थापित करने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं. यह स्थल अब यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों की सूची में भी शामिल है. बिहार सरकार बिहार की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक एवं प्राकृतिक धरोहरों के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है और उस क्षेत्र का समेकित विकास भी सुनिश्चित किया जा रहा है, ताकि अधिक से अधिक पर्यटक यहां आकर बिहार की समृद्ध विरासत से रूबरू हो सकें.
राजगीर में स्थापित अंतर्राष्ट्रीय नालन्दा विश्वविद्यालय प्राचीन नालन्दा विश्वविद्यालय के ज्ञान केंद्र के रूप में स्थापित किया गया है. इस विश्वविद्यालय की वास्तुकला में सारिपुत्र स्तूप, गोपुरम प्रवेश द्वार और पारंपरिक बरामदों की अवधारणा को दर्शाया गया है. पर्यावरण संरक्षण के दृष्टिकोण से यह विश्वविद्यालय कार्बन न्यूट्रल और Net Zero कैम्पस के रूप में स्थापित हुआ है.
नालन्दा विश्वविद्यालय का लोकार्पण 19 जून 2024 को भारत के प्रधानमंत्री द्वारा बिहार मुख्यमंत्री की उपस्थिति में किया गया. बिहार सरकार ने नालन्दा में राजगीर खेल परिसर और बिहार खेल विश्वविद्यालय की स्थापना भी की है. इस वर्ष राजगीर खेल परिसर में बिहार वीमेंस एशियन चैंपियंस ट्रॉफी का आयोजन किया गया, जिसे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खूब सराहा गया.
बिहार सरकार की झांकी के माध्यम से राज्य की प्राचीन विरासत, नालन्दा विश्वविद्यालय की स्थापना और इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए किए गए प्रयासों को प्रदर्शित किया गया है, जिससे बिहार को एक बार फिर शिक्षा और पर्यटन के वैश्विक मानचित्र पर एक प्रमुख स्थान प्राप्त होगा.