नयी दिल्ली : कोरोना वायरस से संकट में फंसी दुनिया के लिए आज का दिन काफी खास रहा, पहले अमेरिका से अच्छी खबर आयी और अब ब्रिटेन से बड़ी खबर है. जिसमें दावा किया जा रहा है कि कोरोना वायरस के वैक्सीन का इंसानों पर ट्रायल पूरी तरह से सफल रहा है. हालांकि इंसानों पर यह पहला ट्रायल पूरा किया गया है.
बताया जा रहा है कि ऑक्सफर्ड की दवा में भी वॉलंटिअर्स में वायरस के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता विकसित होती पाई गई है. ऑक्सफर्ड के वैज्ञानिक वैक्सीन ChAdOx1 nCoV-19 के पूरी तरह सफल होने को लेकर आश्वस्त हैं. बल्कि उनका दावा है कि सितंबर तक कोरोना का वैक्सीन उपलब्ध हो जाएगी. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ऑक्सफर्ड की वैक्सीन का उत्पादन AstraZeneca करेगी.
हालांकि अभी ऑक्सफर्ड के ट्रायल के नतीजों की आधिकारिक घोषणा अभी नहीं की गयी है. बताया जा रहा है कि ऑक्सफर्ड के वैज्ञानिकों ने कोरोना वैक्सीन का ट्रायल 15 वॉलंटिअर्स पर किया था. ऑक्सफर्ड ट्रायल में जिन लोगों को वैक्सीन दी गई थी उनमें ऐंटीबॉडी और वाइट ब्लड सेल्स विकसित होते पाए गए हैं. खबर ये भी है कि आने वाले दिनों में 200 से अधिक लोगों पर इस वैक्सीन का ट्रायल किया जाएगा.
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गौरतलब है कि बुधवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कोरोना वैक्सीन को लेकर ट्वीट का तहलका मचा दिया. हांलांकि उन्होंने केवल इतना लिखा कि वैक्सीन पर अच्छी खबर है. उनके ट्वीट के बाद कयास लगाये जाने लगे हैं कि अमेरिका ने कोरोना वैक्सीन पर बाजी मार ली है.
बताया जा रहा है कि अमेरिका की बायोटेक कंपनी मॉडर्ना का दावा है कि कोविड-19 के इस वैक्सीन का पहला ह्युमैन ट्रायल बहुत ही शानदार तरीके से सफल रहा. करीब 45 लोगों को यह वैक्सीन लगाया गया, जिसके बाद उन लोगों में यह दवा इम्युन पैदा करने में सफल रही है और इसे सुरक्षित भी पाया गया. कंपनी ने यह भी दावा किया है कि इस वैक्सीन ने हरेक आदमी के अंदर कोरोना से जंग लड़ने के लिए एंटीबॉडी विकसित भी किया.
इधर भारत ने भी कोरोना वैक्सीन की एक ट्रायल सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है और अब मानव परीक्षण भी शुरू कर दिया है. भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने कहा कि कोविड-19 टीके का देश में मानव परीक्षण शुरू हो गया है. देश में विकसित दो टीकों के परीक्षण की कवायद में लगभग एक हजार स्वयंसेवी शामिल हो रहे हैं.
आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ बलराम भार्गव ने एक बताया कि दो भारतीय टीके हैं जिनका चूहों और खरगोशों में सफल अध्ययन हो चुका है और यह डेटा डीसीजीआई को सौंपा गया था जिसके बाद दोनों टीकों को इस महीने के शुरू में शुरुआती चरण के मानव परीक्षण की अनुमति मिल गई.
Posted By – Arbind kumar mishra