कनाडा के साथ जारी तनाव के बीच केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने टीवी चैनलों को लेकर एडवाइजरी जारी किया है. जिसमें चैनलों को सलाह दी गयी है कि देश के दुश्मनों को डिबेट के लिए आमंत्रित न करें.
जानें एडवाइजरी में क्या है खास
भारत सरकार ने टेलीविजन चैनलों के लिए एक एडवाइजरी जारी किया है. जिसमें कहा गया है कि ऐसी पृष्ठभूमि के व्यक्तियों के बारे में रिपोर्टों/संदर्भों और विचारों/एजेंडा को कोई भी मंच देने से बचें, जिनमें वे लोग भी शामिल हैं जिनके खिलाफ गंभीर अपराध/आतंकवाद के आरोप हैं और जो संगठनों से संबंधित हैं.
Govt of India issues an advisory for television channels to refrain from giving any platform to reports/references about and views/agenda of persons of such background including those against whom there are charges of serious crimes/terrorism and belonging to organizations which… pic.twitter.com/DEjCSymmAr
— ANI (@ANI) September 21, 2023
सरकार के संज्ञान में आने के बाद उठाया सख्त कदम
टीवी चैनलों के लिए एडवाइजरी जारी करते हुए बताया गया, यह मंत्रालय के संज्ञान में आने के बाद आया है कि विदेशी में एक व्यक्ति जिसके खिलाफ आतंकवाद सहित अपराध के गंभीर मामले हैं, एक ऐसे संगठन से संबंधित है जिसे भारत में कानून द्वारा प्रतिबंधित किया गया है, उसे एक टेलीविजन चैनल पर चर्चा के लिए आमंत्रित किया गया था. जिसमें उक्त व्यक्ति ने कई टिप्पणियां की जो देश की संप्रभुता/अखंडता, भारत की सुरक्षा, एक विदेशी राज्य के साथ भारत के मैत्रीपूर्ण संबंधों के लिए हानिकारक थीं और देश में सार्वजनिक व्यवस्था को बिगाड़ने की भी संभावना थी.
सरकार ने कहा- मीडिया की स्वतंत्रता को कायम रखती, उसके अधिकारों का सम्मान करती है
सरकार की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया, हालांकि सरकार मीडिया की स्वतंत्रता को कायम रखती है और संविधान के तहत उसके अधिकारों का सम्मान करती है, लेकिन टीवी चैनलों द्वारा प्रसारित कंटेंट को सीटीएन अधिनियम, 1995 के प्रावधानों का पालन करना चाहिए, जिसमें धारा 20 की उपधारा (2) भी शामिल है.
भारत और कनाडा के बीच विवाद की क्या है वजह
भारत और कनाडा के बीच खालिस्तानी अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर कूटनीतिक विवाद जारी है. दरअसल कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की ‘संभावित’ संलिप्तता का आरोप लगाया था. जिसके बाद यह विवाद उत्पन्न हुआ.
भारत ने कनाडा के सारे आरोपों को बेतुका बताया
भारत ने मंगलवार को इन आरोपों को ‘बेतुका’ और ‘प्रेरित’ बताते हुए खारिज कर दिया था और इस मामले को लेकर कनाडा द्वारा एक भारतीय अधिकारी को निष्कासित किए जाने के बदले में कनाडा के एक वरिष्ठ राजनयिक को निष्कासित कर दिया था. भारत ने बुधवार को और कड़ा रुख अपनाते हुए कनाडा में बढ़ती भारत विरोधी गतिविधियों और राजनीतिक रूप से समर्थित घृणा अपराधों और आपराधिक हिंसा को देखते हुए वहां रह रहे अपने नागरिकों और वहां की यात्रा का विचार कर रहे अपने नागरिकों को अत्यधिक सावधानी बरतने का परामर्श जारी किया. विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया कि ट्रूडो के आरोपों में कुछ हद तक पूर्वाग्रह था. उन्होंने कहा कि कनाडा ने मामले को लेकर भारत के साथ कोई विशिष्ट जानकारी साझा नहीं की है. उत्तर अमेरिकी देश में खालिस्तानी समर्थक तत्वों की बढ़ती गतिविधियों के मद्देनजर पिछले कुछ महीनों से भारत और कनाड़ा के संबंध तनावपूर्ण हैं. भारत मानता है कि ट्रूडो सरकार उसकी वास्तविक चिंताओं पर ध्यान नहीं दे रही है.