17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन है. उनका जन्म गुजरात के वडनगर में 17 सितंबर 1950 को हुआ था. उनके जन्मदिन को खास बनाने के लिए बीजेपी देशभर में कई कार्यक्रम करने की तैयारी कर रही है. नरेंद्र मोदी 2014 में पहली बार देश के प्रधानमंत्री बने थे. तब से उन्होंने अबतक कई कड़े फैसले लिये. उनके निर्णय ने न केवल चौंकाया, बल्कि देश की तस्वीर ही बदलकर रख दी. तो आइये उनके जन्मदिन के मौके पर उनके पांच ऐसे फैसलों के बारे में जानें, जिसने देश की दशा और दिशा बदलकर रख दी.
1. नोटबंदी
नोटबंदी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सबसे बड़े और कड़े फैसले के रूप में हमेशा याद रखा जाएगा. उन्होंने 8 नवंबर 2016 को रात 8 बजे देश की जनता को संबोधित करते हुए 500 और 1000 रुपये के नोट को बंद करने का ऐलान किया था. जिसके बाद देशभर में हलचल मच गयी. उन्होंने नोटबंदी करने का पीछे तीन बड़े कारण बताये थे, एक काले धन पर प्रहार, दूसरा भ्रष्टाचार से लड़ाई और तीसरा आतंकी फंडिंग को रोकना. पीएम मोदी के इस फैसले को लेकर आज तक चर्चा और परिचर्चा का दौर जारी है. विपक्ष आज भी इस फैसले का गलत ठहराती है, तो बीजेपी इस फैसले को सही बताती है.
2. तीन तलाक पर कानून
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने कार्यकाल में दूसरा सबसे बड़ा फैसला तीन तलाक कानून लागू करना रहा है. मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल में तीन तलाक को लेकर कानून बनाया और मुस्लिम महिलाओं को बड़ी राहत दी. तीन तलाक विधेयक को एक अगस्त 2019 को संसद में पारित कराया गया था.
Also Read: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कौन-सा फोन इस्तेमाल करते हैं?
3. जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को समाप्त करना
प्रधानमंत्री नरेंद्र की अगुआई में केंद्र सरकार ने जो सबसे बड़ा फैसला लिया, उसमें जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाना रहा है. मोदी सरकार ने अनुच्छेद 370 को समाप्त कर जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा समाप्त कर उसे केंद्र शासित प्रदेश बना दिया. बीजेपी ने घोषणा पत्र में अनुच्छेद 370 हटाने का ऐलान किया था.
4. जीएसटी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने कार्यकाल में जीएसटी कानून लाकर बड़ा फैसला लिया. मोदी सरकार ने 1 जुलाई 2017 को गुड्स एंड सर्विस टैक्स देशभर में लागू किया था. इसका उद्देश्य देशभर में एक टैक्स सिस्टम लागू करना था. मोदी सरकार के इस फैसले पर भी जमकर हंगामा हुआ. विपक्ष आज भी मोदी सरकार के इस फैसले को गलत बताती आ रही है. दूसरी ओर बीजेपी इसे पीएम मोदी का ऐतिहासिक फैसला बताया है.
5. CAA
मोदी सरकार ने 2019 में संसद में नागरिकता संशोधन अधिनियम पारित किया था. इसका उद्देश्य पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान से आए अल्पसंख्यकों (हिंदू, सिख, ईसाई, पारसी, जैन और बौद्ध) को भारत की नागरिकता देना है. राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के साथ ही यह कानून का रूप ले लिया और 10 जनवरी 2020 से इसे देशभर में लागू कर दिया गया. मोदी सरकार के इस फैसले पर भी जमकर हंगामा हुआ और विपक्ष ने मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा.