Hardeep Singh Puri – ब्यूरो, नयी दिल्ली : वैश्विक चुनौतियों के बावजूद केंद्र सरकार कच्चे तेल की कीमतों को नियंत्रित करने में कामयाब रही. रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध और लाल सागर में हूती विद्रोहियों के हमलों के कारण सप्लाई चेन प्रभावित हुई. भारत कच्चे तेल को लेकर दूसरे देशों पर निर्भर है और देश की 85 फीसदी जरूरत अन्य देशों के जरिये पूरी होती है.
Hardeep Singh Puri : वैश्विक घटनाक्रम का असर कच्चे तेल की कीमतों पर पड़ना तय
ऐसे में वैश्विक घटनाक्रम का असर देश में कच्चे तेल की कीमतों पर पड़ना तय था, लेकिन केंद्र सरकार की देश प्रथम नीति को प्राथमिकता देने के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के बावजूद आम लोगों को राहत पहुंचाने का काम किया गया. केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शनिवार को कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण कच्चे तेल की आपूर्ति पर असर पड़ना तय था.
Hardeep Singh Puri : कच्चे तेल की खरीद के लिए अन्य विकल्पों पर विचार
इसे देखते हुए भारत सरकार ने कच्चे तेल की खरीद के लिए अन्य विकल्पों पर विचार किया. अंतर्राष्ट्रीय पाबंदी के खतरे की अनदेखी कर रूस से कच्चा तेल खरीदने का निर्णय लिया गया. रूस रोजाना 11-12 मिलियन बैरल कच्चे तेल का उत्पादन करता है और भारत युद्ध से पहले रूस से कुल आपूर्ति का महज 0.2 फीसदी कच्चा तेल ही खरीदा करता था.
Hardeep Singh Puri : आशंका का था पहले से आभास
लेकिन युद्ध को देखते हुए भारत के लिए कच्चे तेल की सप्लाई चेन प्रभावित होने की आशंका थी और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में इसके कीमतों में इजाफा होने का अंदेशा था क्योंकि तेल उत्पादन करने वाले देशों के संगठन ओपेक ने उत्पादन में कटौती की घोषणा कर दी थी.
Hardeep Singh Puri : रूस से अधिक मात्रा में कच्चा तेल खरीदने का फैसला क्यों
देश के आर्थिक हितों को देखते हुए सरकार ने रूस से अधिक मात्रा में कच्चा तेल खरीदने का फैसला किया. क्योंकि हमारी कोशिश उपभोक्ताओं को राहत देने की थी. भारत सरकार के फैसले के बाद अन्य देशों ने भी कच्चा तेल खरीदने पर छूट देने का ऑफर दिया. हमारी कोशिश तमाम अंतर्राष्ट्रीय चुनौतियों के बावजूद आम लोगों को कम कीमत पर पेट्रोल और डीजल मुहैया कराना है.