हाथरस में हुए कथित गैंगरेप मामले की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) अपनी जांच पूरी कर ली है. इस मामले में जल्द ही एसआईटी अपनी जांच रिपोर्ट सरकार को सौंप देगी. बता दें कि इस मामले की जांच के लिए गठित की गयी एसआईटी को अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए 10 दिनों का समय दिया गया था.
इससे पहले दलित समुदाय की महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म और उसकी मौत मामले की जांच के लिए गठित विशेष जांच इधर पीड़िता के घर एसआईटी की टीम पहुंची थी. उस वक्त यह बताया गया था परिवार से कॉल रिकॉर्ड पर पूछताछ की जा सकती है.
गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि एसआईटी को अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए 10 दिन का और समय दिया गया है. अतिरिक्त समय दिए जाने की वजह के बारे में पूछने पर अवस्थी ने बताया “इसका एक ही कारण है और वह यह, कि अभी जांच पूरी नहीं हो पाई है.
गौरतलब है कि हाथरस में एक दलित लड़की से कथित रूप से सामूहिक बलात्कार के बाद उसकी मौत के मामले की जांच के लिए राज्य सरकार ने पिछली 30 सितंबर को एसआईटी का गठन किया था. उस वक्त उसे अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए सात दिन का समय दिया गया था. यह अवधि आज समाप्त हो रही है. हाथरस मामले को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां खासी तेज हैं. इस मुद्दे को लेकर तमाम विपक्षी दलों ने सरकार को घेरा है. राज्य सरकार ने इसकी सीबीआई जांच की भी सिफारिश की है.
यूपी पुलिस ने अपनी तफ्तीश में पाया है कि हाथरस की पीड़िता के भाई और मुख्य आरोपी संदीप के बीच फोन पर बातचीत का सिलसिला पिछले साल अक्तूबर से चल रहा था. कॉल रिकार्ड से उनके बीच 104 बार बात होने का पता चला है. यूपी पुलिस सूत्रों ने बताया कि ज्यादातर फोन कॉल चंदपा क्षेत्र से ही किये गये हैं. 62 कॉल पीड़िता के भाई की ओर से और 42 कॉल आरोपी संदीप की ओर से गये. एसआइटी की जांच भी अंतिम दौर में है. वह अपनी रिपोर्ट बुधवार को मुख्यमंत्री को सौंप सकती है.
माकपा और भाकपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने हाथरस जाकर पीड़ित परिवार से मुलाकात की और न्यायिक जांच की मांग की. प्रतिनिधिमंडल में माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, भाकपा महासचिव डी राजा के अलावा बृंदा करात, अमरजीत कौर, माकपा की यूपी इकाई के सचिव हीरालाल यादव और भाकपा की यूपी इकाई के सचिव गिरीश शर्मा शामिल थे.
Posted By: Pawan Singh