नयी दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने केन्द्र, यूजीसी और दिल्ली विश्वविद्यालय से उन दिशा-निर्देशों के खिलाफ दायर याचिका पर जवाब मांगा है, जिनमें सभी कॉलेजों को कोविड-19 महामारी के मद्देनजर सितंबर के अंत तक अंतिम वर्ष की परीक्षाएं अनिवार्य रूप से आयोजित करने लिये कहा गया है .
याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि न्यायमूर्ति जयंत नाथ ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिये हुई सुनवाई में तीनों पक्षों से दो सप्ताह के भीतर अपने जवाब दाखिल करने के लिये कहा और मामले की सुनवाई चार अगस्त तक स्थगित कर दी.
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सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की ओर से पेश हुए. दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र कबीर सचदेव ने यूजीसी के छह जुलाई के दिशा-निर्देशों को चुनौती दी है,
जिनमें कॉलेजों को ऑफ लाइन, ऑनलाइन या दोनों तरीकों से सितंबर के अंत तक अनिवार्य रूप से अंतिम वर्ष की परीक्षाएं लेने के लिये कहा गया है.
सचदेव के अधिवक्ताओं ध्रुव पांडे और रणदीप सचदेव के जरिये दायर याचिका में कहा गया है, ”वैश्विक महामारी के दौरान प्रतिवादी नंबर एक 1 (मानव संसाधन विकास मंत्रालय) और 2 (यूजीसी) ने हजारों छात्रों की जान की परवाह किये बिना अकादमिक मूल्यांकन पर तर्कहीन भार डाला है.
Posted By – Pankaj Kumar Pathak