हिमाचल प्रदेश में इस मानसून बारिश आफत बनकर आयी है. भूस्खलन की वजह से कई इमारतें ढह गईं हैं और जून से अबतक 250 लोगों की मौत हो चुकी है. आज एनडीआरएफ की टीम ने यह जानकारी दी है कि हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में बादल फटने के बाद फंसे हुए 50 से अधिक लोगों को बचा लिया गया है.
ज्ञात हो कि गुरुवार को शेहनु गोउनी गांव में बादल फटने की घटना हुई थी जिससे कई जगहों पर भूस्खलन से सड़कें अवरुद्ध हो गईं. अधिकारियों ने बताया कि एनडीआरएफ का एक दल 15 किलोमीटर पैदल चलकर फंसे हुए लोगों को बचाने पहुंचा और 15 बच्चों समेत सभी लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया. वहीं अत्यधिक बारिश से हिमाचल प्रदेश के बलाद नदी में पानी का प्रवाह इतना बढ़ गया कि बद्दी और पिंजौर को जोड़ने पुल गिर गया. हालांकि इस हादसे में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है.
गौरतलब है कि गुरुवार को कुल्लू में भूस्खलन की वजह से आठ इमारतें ढह गई हैं. हालांकि इस क्षेत्र को पहले ही असुरक्षित घोषित कर दिया गया था इसलिए किसी के मौत की सूचना नहीं है. लेकिन इमारतें जिस तरह से ढहीं, वो चिंता का कारण बन गयी हैं. इस मानसून प्रदेश को 10 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही भारी बारिश से भूस्खलन की वजह से 709 सड़कें बंद हैं. कई राष्ट्रीय राज्यमार्ग बाधित हैं और आवागमन में परेशानी हो रही है.
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