Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मेन गेट पर खालिस्तान के झंडे बंधे पाए गए थे और विधानसभा परिसर की दीवारों पर खालिस्तान के समर्थन में नारे लिखे पाए गए थे. हिमाचल पुलिस ने इस मामले में धारा 153-ए, 153-बी आईपीसी और एचपी ओपन प्लेस (डिफिगरेशन की रोकथाम) अधिनियम, 1985 की धारा 3 के तहत एफआईआर दर्ज किया है.
बताया जा रहा है कि इस मामले में दर्ज एफआईआर में गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) की धारा 13 को जोड़ा गया है. पुलिस ने कहा कि सिख फॉर जस्टिस के जनरल काउंसल गुरपतवंत सिंह पन्नून को मामले में मुख्य आरोपी बनाया है.
Himachal Pradesh | An FIR has been registered u/s 153-A, 153-B IPC and section 3 of HP Open Places (Prevention of Disfigurement) Act, 1985 relating to hoisting the banners & graffiti of Khalistan on the outer
the boundary of Vidhan Sabha, police said— ANI (@ANI) May 8, 2022
हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मुख्य द्वार पर खालिस्तान के झंडे मिलने को लेकर आम आदमी पार्टी (AAP) ने रविवार को आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर विफल रही है. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने इस घटना को एक बड़ी सुरक्षा विफलता करार देते हुए मांग की कि या तो हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर तुरंत इस्तीफा दें अथवा केंद्र सरकार प्रदेश में उनकी सरकार को तत्काल बर्खास्त करे.
आम आदमी पार्टी ने कहा कि या तो केंद्र और हिमाचल प्रदेश की भाजपा सरकारें पूरी तरह से अक्षम हैं या भाजपा के नेता खालिस्तानियों के साथ हाथ मिला चुके हैं. दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने भाजपा पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया कि बीजेपी के नेता एक गुंडे को बचाने में लगे है और उधर खालिस्तानी झंडे लगाकर चले गए. जो सरकार विधानसभा न बचा पाए, वह जनता को कैसे बचाएगी. यह हिमाचल की आबरू का मामला है, देश की सुरक्षा का मामला है. भाजपा सरकार पूरी तरह विफल हो गयी है.
उल्लेखनीय है कि बीजपेी ने हिमाचल प्रदेश में आम आदमी पार्टी के सोशल मीडिया प्रभारी हरप्रीत सिंह बेदी के कुछ वर्ष पहले किए गए ट्वीट को लेकर अरविंद केजरीवाल की पार्टी पर खुलकर खालिस्तान का समर्थन करने का आरोप लगाया था. इसे लेकर आप को कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा था. इसके बाद आप ने बेदी को पार्टी के सभी पदों से निष्कासित कर दिया था. हिमाचल प्रदेश में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होना है जिसके चलते राज्य में राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं.