Himachal Pradesh Politics : बुधवार का दिन हिमाचल प्रदेश की राजनीति के लिए बहुत भूचाल भरा रहा. कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा चुनाव में अपने छह विधायकों के क्रॉस वोटिंग के बाद राज्य सरकार पर मंडराये खतरे को टालने के लिए कवायद शुरू कर दी है. गुरुवार सुबह राज्य के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने घर पर मीटिंग के लिए सभी मंत्री-विधायकों को बुलाया. मिली जानकारी के अनुसार, विधायकों के साथ बैठक के बाद क्रॉस वोटिंग करने वाले छह विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया गया है.
Himachal Pradesh Politics: छह विधायकों पर बनी हुई है नजर
अब ऐसे में इस बैठक से निकलकर क्या आता है इसे लेकर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे है. अटकलों के इस दौर में कांग्रेस के उन छह विधायकों पर भी नजर बनी हुई है जिन्होंने राज्यसभा चुनाव के दौरान क्रॉस वोटिंग की है. पार्टी आलाकमान ने पहले ही तीन पर्यवेक्षकों को शिमला भेज दिया है जहां बैठकों का सिलसिला जारी है. इससे पहले राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के पुत्र विक्रमादित्य सिंह ने मंत्रिपरिषद से इस्तीफा देने की पेशकश करके पार्टी की मुश्किलें और बढ़ा दी.
Himachal Pradesh Politics: रुख में आयी नरमी
हालांकि, बाद में उनके रुख में नरमी जरूर दिखी है. पार्टी द्वारा शिमला भेजे गए केंद्रीय पर्यवेक्षकों के साथ बैठक के बाद विक्रमादित्य सिंह ने इस्तीफे के उनके “प्रस्ताव” को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा “अस्वीकार” करने का उल्लेख किया और पार्टी में एकता की आवश्यकता पर जोर दिया है. इसके मद्देनजर, उन्होंने संवाददाताओं से यह भी कहा है कि वह अब इस्तीफे पर जोर नहीं दे रहे हैं. साथ ही उन्होंने यह भी दावा किया कि राज्य सरकार कभी संकट में नहीं थी.
Himachal Pradesh Politics: विधानसभा से अयोग्य ठहराने की मांग
ये पूरा मामला तब शुरू हुआ है जब हिमाचल प्रदेश की एकमात्र सीट के लिए मंगलवार को राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के छह विधायकों द्वारा क्रॉस वोटिंग की गई. कांग्रेस पार्टी ने अब इन विधायकों को विधानसभा से अयोग्य ठहराने की मांग की है और इस मामले की सुनवाई विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने की और अपना आदेश सुरक्षित रख लिया. वहीं, बजट सत्र के दौरान बीजेपी के कुल 15 विधायकों को निलंबित कर दिया गया है.
Himachal Pradesh Politics: निलंबित भाजपा विधायकों में जयराम ठाकुर भी शामिल
निलंबित भाजपा विधायकों में विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर भी शामिल हैं. इन निलंबित विधायकों ने शुरू में सदन से जाने से इनकार कर दिया और उनके इस कदम का परोक्ष तौर पर विधानसभा में सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार के बजट को ध्वनि मत से पारित करने से रोकने के प्रयास के तौर पर देखा गया. भाजपा बजट पर मत विभाजन चाहती थी क्योंकि पार्टी को लगा कि इससे यह बात सामने आ जाएगी कि कांग्रेस ने राज्य विधानसभा में अपना बहुमत खो दिया है.
Himachal Pradesh Politics: मुख्यमंत्री सुक्खू ने अटकलों को किया खारिज
वहीं, मुख्यमंत्री सुक्खू ने उन अटकलों को खारिज कर दिया कि वह इस्तीफा दे रहे हैं. सीएम सुक्खू कहा, ‘न तो आलाकमान और न ही किसी और ने मुझसे इस्तीफा मांगा है.’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार राज्य में अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी. कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी को भाजपा के हर्ष महाजन ने राज्यसभा चुनाव में ड्रॉ के जरिए हरा दिया. राज्य से राज्यसभा की एकमात्र सीट के लिए हुए चुनावों में इन दोनों उम्मीदवारों को 34-34 वोट मिले थे.