केंद्र सरकार के नये कानून में हिट एंड रन के मामलों में सख्त सजा के प्रावधानों के खिलाफ ट्रक और निजी बस चालकों की तीन दिवसीय हड़ताल का पूरे देश में असर दिख रहा है. हड़ताल के दूसरे ही दिन पूरे देश की रफ्तार ठहर सी गयी है. कई पेट्रोल पंपों पर ईंधन खत्म हो गया है. रसोई गैस की आवाजाही रूक गई है पूरे देश में हाहाकार मच गया है. एमपी, महाराष्ट्र, राजस्थान समेत 10 से ज्यादा राज्यों से पेट्रोल-डीजल पंपों में ईंधन खत्म होने की खबर है. इसके साथ ही फल, सब्जी, दूध समेत अन्य सामानों की सप्लाई रुक सी गई है. जिसके कारण कई सामानों के दाम काफी बढ़ गये हैं. कई राज्यों में स्थिति काफी खराब हो गई है.
यूपी में हड़ताल के कारण लंबी दूरी के यात्री खासा परेशान नजर आये. यात्रियों को हाड़ कंपाने वाली ठंड में बस के लिए घंटों इंतजार करना पड़ा. हड़ताल करने वाले बस और ट्रक चालकों ने कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन किया. ट्रांसपोर्टरों के विभिन्न संगठनों के संयुक्त मोर्चा अध्यक्ष चौधरी वेदपाल ने बताया जब तक सरकार यह कानून वापस नहीं लेती, तब तक ट्रांसपोर्टरों का विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा. उन्होंने मंगलवार को बैठक करके आगे की रणनीति बनाने की बात कही है. वेदपाल ने कहा कि जल्द ही पूर्ण रूप से चक्का जाम की घोषणा की जा सकती है.
ट्रक चालकों की हड़ताल के बीच ईंधन की किल्लत होने की आशंका के कारण मुंबई और नागपुर में पेट्रोल पंप पर मंगलवार को लंबी कतारें लगी हैं. पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन-मुंबई के अध्यक्ष चेतन मोदी ने न्यूज एजेंसी पीटीआई के हवाले से कहा है कि सोमवार से ट्रक चालकों के आंदोलन के कारण पेट्रोल पंप पर ईंधन की आपूर्ति नहीं हो पाई है. उन्होंने कहा कि पेट्रोल पंप पर कल से ईंधन की कमी होनी शुरू हो गयी है. अगर हमें ईंधन की आपूर्ति नहीं हुई तो ज्यादातर पंप में आज से पेट्रोल खत्म हो जाएगा.
ट्रक एवं निजी बस चालकों की हड़ताल का राजस्थान में भी पूरा असर दिख रहा है. राजस्थान के केकड़ी में हिंसक भीड़ ने पुलिस पर पथराव किया और उनके एक वाहन को आग के हवाले कर दिया . इस घटना में तीन पुलिसकर्मी घायल हो गये हैं. राज्य में कई ट्रक चालक इस हड़ताल में शामिल हो गए हैं और काम नहीं कर रहे हैं. हड़ताल के कारण ईंधन आपूर्ति प्रभावित होने की आशंका से पेट्रोल पंपों पर वाहनों की लंबी कतारें लग रही हैं. वहीं, प्रदर्शन कर रहे लोगों ने पुलिस दल पर पथराव किया. भीड़ ने केकड़ी शहर थाने के एक वाहन में आग भी लगा दी.
मध्य प्रदेश में ट्रांसपोर्टरों के एक संगठन ने मंगलवार को दावा किया कि मोटर चालकों से जुड़े हिट-एंड-रन दुर्घटना मामलों पर नए दंड कानून के प्रावधान के खिलाफ ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल से मध्य प्रदेश में लगभग पांच लाख वाहनों की आवाजाही प्रभावित हुई है. हालांकि, मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों और भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर जैसे प्रमुख शहरों में प्रशासन ने कहा कि उनके अधिकार क्षेत्र के तहत पेट्रोल पंपों पर ईंधन की कोई कमी नहीं है. ड्राइवरों के आंदोलन के बीच मंगलवार को सुबह भोपाल, इंदौर और अन्य शहरों में पेट्रोल पंपों पर अपने वाहनों की टंकी में ईंधन भरवाने के लिए बड़ी संख्या में लोग देखे गए.
Also Read: 31 साल पुराने मामले में कारसेवक की गिरफ्तारी से भड़की बीजेपी, कहा- खटक रहा राम मंदिर…राजस्थान रोडवेज वर्कर्स यूनियन (सीटू) ने सरकार के प्रस्तावित कानून के खिलाफ तीन जनवरी को प्रदर्शन करने की घोषणा की है. संगठन के एक बयान के अनुसार यह चालक विरोधी कानून है. भारतीय दंड विधान की जगह लेने जा रही भारतीय न्याय संहिता में ऐसे चालकों के लिए 10 साल तक की सजा का प्रावधान है जो लापरवाही से गाड़ी चलाकर भीषण सड़क हादसे को अंजाम देने के बाद पुलिस या प्रशासन के किसी अफसर को दुर्घटना की सूचना दिए बगैर मौके से फरार हो जाते हैं.
ट्रक चालकों के प्रदर्शन के बीच पंजाब और हरियाणा में कई स्थानों पर मंगलवार को पेट्रोल पंप पर ईंधन लेने के लिए मोटर चालकों की कतार लग गई. हरियाणा में निजी बस संचालक और कुछ ऑटो-रिक्शा यूनियन भी नए प्रावधान के विरोध में शामिल हो गए हैं और अंबाला में कुछ पेट्रोल पंपों ने ईंधन की कमी की सूचना दी है. दोनों राज्यों की साझा राजधानी चंडीगढ़ में भी वाहन मालिक ईंधन की कमी की आशंका में ईंधन खरीदते दिखे.
गौरतलब है कि औपनिवेशिक युग के भारतीय दंड संहिता की जगह लेने वाले भारतीय न्याय संहिता में प्रावधान है कि लापरवाही से गाड़ी चलाने की वजह से गंभीर सड़क दुर्घटना का कारण बनने वाले और पुलिस या प्रशासन के किसी भी अधिकारी को सूचित किए बिना भागने वाले वाहन चालकों को 10 साल तक की सजा या सात लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है.