Rabindranath Tagore Chair Dispute Amit Shah Reply In Lok Sabha कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी की तरफ से की गयी टिप्पणियों पर लोकसभा में सबूतों के साथ मंगलवार को अपना स्पष्टीकरण देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मैं उस कुर्सी पर नहीं बैठा. लेकिन, मेरे पास दो फोटो हैं, जिसमें एक पर जवाहर लाल नेहरू जी उस कुर्सी पर बैठे दिख रहे हैं. जबकि, दूसरी फोटो में राजीव गांधी टैगोर साहब के सोफे पर बैठकर चाय पीते दिख रहे हैं.
गृहमंत्री अमित शाह ने रविंद्र नाथ टैगोर की कुर्सी पर बैठने संबंधी अधीर रंजन चौधरी के बयान को असत्य बताते हुए कहा कि इसे रिकॉर्ड से निकाल देना चाहिए. अमित शाह ने कहा कि सोमवार कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा था कि मैं पश्चिम बंगाल में गुरुदेव रवींद्र नाथ टैगोर की कुर्सी पर बैठ गया. उन्होंने कहा कि मैं उस वक्त टोकना नहीं चाहता था. लेकिन, जो सत्य नहीं है और सदन के रिकॉर्ड में नहीं रहना चाहिए. अमित शाह ने कहा कि उनके पास विश्व भारती के उप कुलपति का पत्र है जिसमें उन्होंने स्पष्ट किया है कि ऐसी घटना नहीं हुई.
समाचार एजेंसी भाषा के मुताबिक, अमित शाह ने कहा कि वहां एक खिड़की है, जहां पर सभी के बैठने की व्यवस्था है, वहां की तस्वीर है. उस स्थान पर भारत की पूर्व राष्ट्रपति बैठी हैं, प्रणब मुखर्जी बैठ चुके हैं और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी बैठे थे. बांग्लादेश की प्रधानमंत्री भी वहां बैठी थीं. लोकसभा में गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि मैं तो उस कुर्सी पर नहीं बैठा, लेकिन मेरे पास दो फोटो हैं, जिनमें से एक में जवाहर लाल नेहरू उस कुर्सी पर बैठे हैं, जहां टैगोर बैठा करते थे. दूसरा फोटो राजीव गांधी का है. जिसमें वह टैगोर साहब के सोफे पर बैठे हैं.
लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने सोमवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा था कि हमारा यह कहना है कि भाजपा नेता अमित शाह जी, भाजपा अध्यक्ष नड्डा जी बंगाल जा रहे हैं क्योंकि वहां चुनाव आ रहे हैं. उन्होंने दावा किया था कि ये रवींद्र नाथ टैगोर जी के शांति निकेतन जा रहे हैं और कह रहे हैं कि उनका जन्म यहां हुआ. अजीब बात है, पहले पढ़कर आइए कि उनका जन्म यहां नहीं हुआ और आप कह रहे हैं कि उनका जन्म यहां हुआ. हमें बुरा लगता है क्योंकि इतनी बड़ी पार्टी के सभापति हैं. अधीर रंजन चौधरी ने यह भी कहा था कि अमित शाह जी जाकर रवींद्र नाथ टैगोर जी की कुर्सी पर बैठ जाते हैं. इससे असम्मान होता है.
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