Indi alliance: लोकसभा चुनाव के बाद आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच की खटाख सुर्खियों में आई थी. आम ने हरियाणा में हार का ठीकरा कांग्रेस पर फोड़ा था. वहीं, कांग्रेस भी दिल्ली जल को लेकर आम आदमी पार्टी सरकार के खिलाफ दिल्ली की सड़कों पर लगातार प्रदर्शन कर रही है. जाहिर है लोकसभा चुनाव में AAP-कांग्रेस की गलबांही के बाद अब दोनों के रिश्तों में आई तल्खी साफ नजर आने लगी है. दिल्ली में चल रहे जल संकट पर सरकार को घेर रही है. आम आदमी पार्टी के नेता कांग्रेस पार्टी को नरम रवैया अपनाने की सलाह दे रहे हैं.
इसी कड़ी में न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत के दौरान दिल्ली के मंत्री और आप नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा है कि गठबंधन को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस को सोचना चाहिए. अगर वे अपने ही सहयोगियों के खिलाफ बोलते रहेंगे तो इससे पूरा गठबंधन कमजोर हो जाएगा. राजनीतिक मुद्दों पर हम एक राय कैसे रख सकते हैं? संसद के अंदर हम केंद्र सरकार से मुकाबला कैसे करेंगे? कांग्रेस को एक ‘लक्ष्मण रेखा’ खींचनी चाहिए, खासकर उन राज्यों में, जहां कांग्रेस उन पार्टियों के खिलाफ है जो भारत गठबंधन का हिस्सा है.
लोकसभा चुनाव के बाद अलग हो गए थे आप और कांग्रेस
लोकसभा चुनाव में INDI Alliance के साथ मिलकर चुनाव लड़ने वाली आम आदमी पार्टी गठबंधन का दामन छोड़ चुकी है. आम आदमी पार्टी, आगामी विधानसभा चुनाव अकेले लड़ने का ऐलान कर चुकी है. आप ने ऐसे संकेत दे दिए है पार्टी दिल्ली समेत अन्य राज्यों में गठबंधन का हिस्सा बनकर चुनाव नहीं लड़ेगी. जब दोनों पार्टियों ने दिल्ली में लोकसभा चुनाव साथ में रहकर लड़ने का ऐलान किया था. तो ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि ये पार्टियां आगामी विधानसभा चुनाव में साथ दिख सकती है. बता दें कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने लोकसभा चुनावों को लेकर दिल्ली में गठबंधन किया था. यहां की सात में से चार सीटों पर आम आदमी पार्टी ने और तीन पर कांग्रेस ने उम्मीदवार उतारे थे. पर परिणाम दोनों पार्टीयों के लिए निराशाजनक रहे और 2019 की तरह इस बार भी सातों सीटों पर बीजेपी का परचम लहराया.
दिल्ली में नहीं कम हो रहा जल संकट
दिल्ली में एक तरफ जहां जल संकट कम नहीं हो रहा है. दूसरी तरफ इसपर सियासत और भी तेज होती जा रही है. लोगों को जरूरत के पानी के लिए भी काफी मस्सकत करनी पड़ रही है. नेताओं के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर भी जारी है. दिल्ली की जल मंत्री आतिशी हरियाणा की बीजेपी सरकार पर पर्याप्त पानी न देने का आरोप लगा रही है. वहीं हरियाणा का कहना है कि दिल्ली को पर्याप्त पानी दिया जा रहा है लेकिन दिल्ली में पानी की बर्बादी अधिक हो रही है. बताते चलें कि इससे पहले ही हिमाचल सरकार ने अपना पल्ला झाड़ लिया था. और दिल्ली को अतिरिक्त पानी देने से इंकार कर दिया था. अब दिल्ली जल मंत्री आतिशी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मुद्दे को सुलझाने की मांग की है, इसके लिए उन्होंने पीएम मोदी को एक पत्र भी लिखा है. पानी की मांग को लेकर आतिशी शुक्रवार से अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठी हैं.