गांधी सिर्फ एक नाम नहीं एक ऐसा शिक्षा का केंद्र जिसने दुनिया को जीवन से जुड़ी कई अहम चीजें बहुत आसान और सरल शब्दों में समझा दी. देश आज स्वावलंबन की बात कर रहा है गांधी ने अपने पूरे जीवन में यही संदेश दिया. स्वच्छता, स्वदेशी और स्वावलंबन गांधी पथ है.
दिल्ली के हरिजन आश्रम में रोजगार और कौशल के कई गुण सिखाये जाते थे. बापू के मन में इच्छा थी कि यहां के काम को एक बार देखें बापू ने इसकी खूब तारीफ सुनी थी. बापू मानते थे कि स्वावलंबी होकर ही देश का विकास किया जा सकता है. गरीबी से भी तभी छुटकारा मिलेगा जब खुद कुछ करने की ठान लें.
बापू जब कार्यशाला पहुंचे तो बच्चों ने भी बापू के बारे में खूब सुना था. बापू जब कार्यशाला देख रहे थे तो कई बच्चे भी उनके साथ घूमने लगे. एक लड़का अपने काम में व्यस्त रहा उसने बापू की तरफ देखा तक नहीं.
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जब बापू कार्यशाला के बाहर आ गये तो एक व्यक्ति ने बापू से कहा कि उस लड़के ने तो आपकी तरफ देखा ही नहीं उसे कोई फर्क नहीं पड़ा कि आप वहां से ऐसा कैसे बापू ? गांधी ने इस सवाल का जवाब दिया कि इसल में वह लड़का जानता है कि कर्म ही पूजा है वह अपने काम में एकाग्रता के साथ लगा रहा. असल में सिर्फ उसी लड़के ने मुझे देखा.
गांधी के जीवन से जुड़ी कई ऐसी घटनाएं है जो प्रेरित करती है. आज जब पूरी दुनिया कोरोना वायरस की महामारी से लड़ रहा है तो गांधी की कही एक – एक बात सच लग रही है गांधी ने हमेशा स्वच्छता, स्वदेशी और स्वावलंबन पर जोर दिया. महात्मा गांधी ने लोकतंत्र की असली शक्ति पर बल दिया.
उन्होंने एक ऐसी सामाजिक व्यवस्था की कल्पना की थी जिसमें आम आदमी केवल सरकार पर ही निर्भर न हो बल्कि स्वावलंबी बनें. ‘गांधी जी भारतीय थे लेकिन सिर्फ भारत के नहीं थे. मार्टिन लूथर किंग जूनियर हों या नेल्सन मंडेला उनके विचारों का आधार महात्मा गांधी थे.
Posted By – Pankaj Kumar Pathak