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गलवान घाटी में शहीद कर्नल संतोष की पत्नी संतोषी को मिला डेप्युटी कलेक्टर का पद, मुख्यमंत्री राव ने दिया नियुक्ति पत्र

भारत और चीन विवाद के बाद हुई हिंसक झड़प में शहीद हुए कर्नल संतोष बातू की पत्नी संतोषी को डेप्युटी कलेक्टर के पद पर नियुक्त किया गया है. मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने उन्हें नियुक्त पत्र सौंपा. इतना ही नहीं राव ने अधिकारियों को यह निर्देश भी दिया है कि इनकी नियुक्ति हैदराबाद या उसके आसपास के इलाकों में ही की जाए.

नयी दिल्ली : भारत और चीन विवाद के बाद हुई हिंसक झड़प में शहीद हुए कर्नल संतोष बातू की पत्नी संतोषी को डेप्युटी कलेक्टर के पद पर नियुक्त किया गया है. मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने उन्हें नियुक्त पत्र सौंपा. इतना ही नहीं राव ने अधिकारियों को यह निर्देश भी दिया है कि इनकी नियुक्ति हैदराबाद या उसके आसपास के इलाकों में ही की जाए.

फिलहाल कर्नल संतोष बाबू की पत्नी दिल्ली में रहती हैं और उनके साथ 8 साल की बेटी और 3 साल का बेटा है. शहीद संतोष की मां चाहती थी कि उसके बेटे का तबादला भी हैदराबाद हो जाये ताकि पूरा परिवार एक साथ रह सके. शहीद संतोष के निधन के बाद राज्य सरकार ने परिवार वालों को पांच करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता राशि भी देना का ऐलान किया है.

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कर्नल संतोष गलवान घाटी में पैट्रोलिंग पॉइंट 14 के करीब हुई झड़प में शहीद हुए. संतोष ने 2 दिसंबर 2019 को ही कमान संभाली थी.इंडिया टुडे ने चीन सीमा पर तैनात सीनियर अधिकारियों के हवाले से बताया कि 5-6 जून की दरम्यानी रात बिहार रेजिमेंट के कमांडेंट ऑफिसर कर्नल संतोष बाबू 20 जवानों के साथ चीनी सैनिकों से बातचीत करने गये थे.

वे वहां पर चीनी सैनिकों को समझौते के तहत पीछे हटाने के लिए वार्ता करने गये थे.जब कर्नल बाबू वहां पर पहुंचे तो, चीनी सैनिकों का हाव-भाव बदला हुआ था. अमूमन जो सैनिक पोस्ट पर होते थे, उनके बजाय नये सैनिकों की तैनाती की गई थी. कर्नल बाबू जैसे ही वहां पहुंचे चीनी सैनिकों ने धक्का मुक्की शुरू कर दी, लेकिन संतोष बाबू वहां से नहीं हिले और डटे रहे. धक्कामुक्की के बाद चीनी सैनिकों ने उनके और उनके टीम पर पत्थरों से हमला बोल दिया.

शुरूआत में पीएलए के जवानों ने छोटे-छोटे पत्थरों से हमला किया. इसी दौरान संतोष बाबू और पूरी टीम गलवान के ऊपरी छोर पर चढ़ गये. संतोष बाबू के ऊपरी छोर पर चढ़ते देख पीएलए के जवाानों ने एक बड़ा पत्थर फेंका, जो कर्नल बाबू के नाक के सामने से जा टकराया. कर्नल बाबू इस दौरान नीचे गिर गये, जिसके बाद भारतीय सैनिक चीनी सैनिकों पर टूट पड़े.

चीन की सीमा पर लगभग 45 साल बाद, भारतीय सशस्त्र बलों के कर्मियों की इस तरह शहादत की पहली घटना है. हिंसक टकराव के दौरान एक अधिकारी व दो जवान शहीद हुए, जबकि 6 चीनी सैनिक भी ढेर हुए हैं. 1975 में अरुणाचल प्रदेश में तुलुंग ला में हुए संघर्ष में चार भारतीय जवानों की शहादत के बाद यह इस तरह की पहली घटना है.

Posted By – pankaj Kumar Pathak

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