India-China Dispute: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आसियान बैठक से इतर लाओस के वियनतियान में अपने चीनी समकक्ष वांग यी से मुलाकात की. इस मुलाकात के दौरान एलएसी विवाद सुलझाने पर भी बात हुई. जयशंकर ने वांग यी से कहा कि एलएसी और पिछले समझौतों का पूरा सम्मान किया जाना चाहिए. संबंधों को स्थिर करना दोनों देशों के हित में है.
एस जयशंकर और वांग यी ने पूर्वी लद्दाख में सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया को पूरा करने के मुद्दे पर भी बात की. उन्होंने इसके लिए जरूरी कदम उठाने की बात की. दोनों नेताओं ने सहमति व्यक्त की कि सीमा की स्थिति को लंबा खींचना किसी भी पक्ष के हित में नहीं है. बैठक के बाद जयशंकर ने कहा कि सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए मजबूत मार्गदर्शन की आवश्यकता है जिसपर दोनों देशों के बीच सहमति बनी है. हमें तत्काल मुद्दों पर उद्देश्य और तत्परता के साथ काम करना चाहिए.
मई 2020 से पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद
दोनों देशों के नेताओं के बीच बातचीत पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद जारी रहने के बीच हुई, जो बहुत ही महत्वपूर्ण बताई जा रही है. इस विवाद पांचवें साल में प्रवेश कर चुका है. भारत की ओर से कहा गया है कि सीमा क्षेत्रों में शांति की जरूरत है. उसके बाद ही चीन के साथ संबंध सामान्य हो पाएंगे. मई 2020 से भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच गतिरोध जारी है. सीमा विवाद का पूरी तरह से समाधान अभी तक नहीं हो पाया है. हालांकि, दोनों पक्ष टकराव वाले कई बिंदुओं से पीछे हटते नजर आ चुके हैं.
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गलवान घाटी में हुए संघर्ष में शहीद हो गए थे 20 भारतीय जवान
अप्रैल 2020 में शुरू हुआ यह विवाद कमोबेश अभी भी जारी है. उस वक्त चीन ने विवादित एलएसी के पूर्वी लद्दाख और अन्य इलाकों में बड़ी संख्या में सैनिकों और हथियारों के साथ मोर्चाबंदी की थी. इससे गलवान घाटी, पैंगोंग त्सो के अलावा गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स जैसे इलाकों में दोनों देशों की सेना में टकराव की स्थिति उत्पन्न हो गई थी. गतिरोध ने 15 जून को हिंसक रूप तब ले लिया जब लद्दाख की गलवान घाटी में हुए संघर्ष में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे.