India China Face off : लद्दाख (ladakh) में भारत-चीन बॉर्डर (india china border tension) के पास चीनी एयरफोर्स की गतिविधि में तेजी नजर आ रही है जिसके बाद भारत ने कदम उठाया और भारतीय वायुसेना (IAF) ने अपने फारवर्ड बेस पर एयरक्राफ्ट्स के मूवमेंट तेजी लायी. वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया ने इस बात की जानकारी दी है. डुंडीगल में वायुसेना अकादमी (एएफए) में संयुक्त स्नातक परेड (सीजीपी) में शिरकत करने पहुंचे भदौरिया ने आगे कहा कि भारतीय वायुसेना के पास चीन के एयरबेसेज और वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास उनके एयरक्राफ्ट्स की तैनाती की जानकारी है. गर्मी के दिनों में नॉर्मल अभ्यास चलते नजर आया करता है. लेकिन इस समय, हमने सामान्य से ज्यादा विमानों को तैनात करते चीन को देखा है. यही वजह है कि हमें जरूरी कदम उठाने पड़े.
वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया ने कहा कि भारतीय वायु सेना चीन के साथ लगती सीमा पर किसी भी सुरक्षा चुनौती का सामना करने के लिए ‘‘पूरी तरह तैयार है” और ‘‘उपयुक्त जगह पर तैनात है.” पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों की सेना के बीच हिंसक झड़प के बाद फिर से संघर्ष छिड़ने की आशंकाओं के बीच उन्होंने यह टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना चीन की वायुसेना की क्षमता, उनके हवाई अड्डे, संचालनात्मक अड्डे और क्षेत्र में उनकी तैनाती से पूरी तरह अवगत है. किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए उनकी सेना ने सभी आवश्यक कदम उठाए हैं.
भदौरिया ने कहा कि वायुसेना लक्ष्य पूरा करने के लिए दृढ़ संकल्पित है और वह लद्दाख की गलवान घाटी में हमारे शूरवीरों के बलिदान को कभी व्यर्थ नहीं जाने देगी. उन्होंने परेड के बाद संवाददाताओं से कहा कि किसी भी स्थिति के जवाब में हमें जो भी जरूरत होती है उस मुताबिक उड़ान भरते हैं. इसमें जरूरत पड़ने पर लड़ाकू हवाई गश्ती भी शामिल है. लड़ाकू हवाई गश्त के तहत विशिष्ट मिशनों के लिए सशस्त्र लड़ाकू विमानों को कम समय में रवाना किया जा सकता है. भारतीय वायुसेना ने काफी संख्या में सुखोई 30 एमकेआई, जुगआर, मिराज 2000 विमानों, अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टरों को लेह और श्रीनगर सहित कई मुख्य हवाई अड्डों पर पिछले चार दिनों के अंदर तैनात किया है.
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पत्रकारों से बातचीत में भदौरिया ने कहा कि हम पूरी स्थिति से अवगत हैं. चाहे एलएसी हो या एलएसी के अलावा तैनाती हो. हमारे पास पूरा आकलन है और हमने इस तरह की तैनाती से पैदा होने वाली किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए आवश्यक कदम उठाया है. उन्होंने कहा कि देशभर में भारतीय वायु सेना के अड्डों पर वे सभी आवश्यक कदम उठाए गए है जो स्थिति से निपटने के लिए जरूरी हैं. उन्होंने चीनी हवाई अड्डों से संबंधित सवाल पर कहा कि हम जानते हैं उनके (चीनी) अड्डे कहां है. हम जानते हैं उनके हवाई क्षेत्र कहां हैं, उनकी तैनाती कहां है, उनके संचालनात्मक अड्डे कहां हैं. उन्होंने कहा कि चीन हर साल विवादित इलाके में तैनाती और अभ्यास करता है लेकिन इस बार गतिविधि बढ़ी है और कुछ बदलाव हुए हैं जिन पर नजर रखी जा रही है.
Posted By: Amitabh Kumar