अमेरिका, चीन और भारत दुनिया के टॉप पांच सबसे ज्यादा सैन्य खर्च करने वाले देश में शामिल हैं. इनमें पहली बार दो एशिया के देश शामिल हैं. टॉप 5 में रूस और सऊदी अरब ने भी जगह बनाई है. कहा गया है कि इन देशों का खर्चा पूरी दुनिया के खर्च का 62 फीसदी है. कुल सैन्य खर्च 2019 में वैश्विक स्तर पर 2018 के 3.6 फीसदी बढ़कर लगभग 2 ट्रिलियन डॉलर हो गया. वर्ष 2019 में दशक में सैन्य खर्चों में 3.6 फीसदी की अब तक की सबसे बड़ी वैश्विक बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है. अमेरिका के बाद चीन और भारत सैन्य खर्चों के मामले में क्रमश: दूसरे और तीसरे स्थान पर है.
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स्टॉकहोम स्थित एक थिंक टैंक इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (एसआईपीआरआई) के अध्ययन में यह बात सामने आई है. रिपोर्ट में बताया गया है कि चीन का सैन्य खर्च 2019 में 261 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया, 2018 की तुलना में 5.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई. वहीं, भारत ने अपनी सेना पर 71.1 बिलियन डॉलर खर्च किया. पिछले साल की तुलना में भारत ने सैन्य खर्च को 6.8 प्रतिशत तक बढ़ाया है.
एसआईपीआरआई ने अपने बयान में कहा कि यह पहली बार है जब दो एशियाई देश शीर्ष तीन सैन्य खर्च करने वालों में शमिल हुए हैं. पीटीआई के मुताबिक, एसआईपीआरआई के सीनियर रिसर्चर साइमन टी. वेजमैन ने कहा, पाकिस्तान और चीन के साथ तनाव के चलते भारत का सैन्य खर्च बढ़ा है.
बयान में कहा गया कि 2019 में कुल (खर्च) 2018 से 3.6 फीसदी बढ़ गया है. चीन और भारत के अलावा, जापान ( 47.6 अरब यूएस ) और दक्षिण कोरिया (43.9 अरब यूएस डॉलर) एशिया में सबसे ज्यादा सैन्य खर्च करने वाले थे. 1989 के बाद से हर साल क्षेत्र में सैन्य खर्च में इजाफा हुआ है.