भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों के बीच द्विपक्षीय बातचीत हुई. जिसके बाद दोनों देशों ने ‘भारत-फ्रांस हिंद-प्रशांत रूपरेखा’ का मसौदा जारी किया. भारत और फ्रांस स्वतंत्र, मुक्त, समावेशी और सुरक्षित हिंद-प्रशांत क्षेत्र के अस्तित्व में विश्वास करते हैं और संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करते हुए इस रणनीतिक क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय कानून के मुताबिक एक संतुलित और स्थिर व्यवस्था कायम करने का संकल्प लेते हैं. इस रूपरेखा के मसौदे में कहा गया है कि भारत और फ्रांस रणनीतिक रूप से अहम ‘रेजिडेंट पावर’ (निवासी शक्तियां) है और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में महत्वपूर्ण हिस्सेदारी वाले प्रमुख भागीदार हैं.
हमारा सहयोग सुरक्षा संबंधी हितों की रक्षा करने पर केंद्रित
‘भारत-फ्रांस हिंद-प्रशांत रूपरेखा’ को ऐसे समय में जारी किया गया है जब इस रणनीतिक क्षेत्र में चीन की आक्रामकता लगातार बढ़ती जा रही है. दोनों देशों ने इस साझा बयान में कहा, ‘‘ हमारा सहयोग हमारे अपने आर्थिक और सुरक्षा संबंधी हितों की रक्षा करने पर केंद्रित है. इसका लक्ष्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र में साझा वैश्विक और निःशुल्क पहुंच सुनिश्चित करना, इस क्षेत्र में समृद्धि और स्थिरता की साझेदारी बनाना, अंतरराष्ट्रीय कानून के शासन को आगे बढ़ाना, क्षेत्र में और उससे परे अन्य लोगों के साथ काम करते हुए, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करते हुए क्षेत्र में एक संतुलित और स्थिर व्यवस्था का निर्माण करना है.’’
आदान-प्रदान को गहरा करना जारी रखेंगे
भारत-फ्रांस के साझा बयान के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी का ‘सागर’ (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास) का दृष्टिकोण और राष्ट्रपति मैक्रों का फ्रांस की हिंद-प्रशांत रणनीति में उल्लिखित सुरक्षा और सहयोग का दृष्टिकोण बहुत हद तक मेल खाता है. दोनों देशों ने कहा, ‘‘ हमारा सहयोग व्यापक है और इसमें रक्षा, सुरक्षा, आर्थिक, कनेक्टिविटी, बुनियादी ढांचा, स्थिरता और मानव-केंद्रित विकास शामिल है। हमारा द्विपक्षीय सहयोग हमारी पारस्परिक सुरक्षा को आगे बढ़ाता है तथा हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता का समर्थन करता है। हमारा सहयोग समुद्र तल से लेकर अंतरिक्ष तक फैला हुआ है। हम अपने आदान-प्रदान को गहरा करना जारी रखेंगे, स्थितिजन्य जागरूकता पर सहयोग करेंगे, पूरे क्षेत्र में समुद्री सहयोग को बढ़ाऐंगे’’
भारत और फ्रांस ने इस बात पर दिया जोर
दोनों देशों ने अपने नौसैनिक सहयोग को बढ़ाने और भारत में रक्षा औद्योगिक क्षमताओं को विकसित करने तथा संयुक्त रूप से अन्य देशों की जरूरतों का समर्थन करने का भी संकल्प लिया. भारत और फ्रांस ने इस बात पर जोर दिया कि वे अफ्रीका, हिंद महासागर क्षेत्र, दक्षिण एशिया, दक्षिण-पूर्वी एशिया और प्रशांत क्षेत्र सहित हिंद-प्रशांत क्षेत्र के देशों में विकास के लिए आपसी सहयोग बढ़ाने के लिए मिलकर काम करना जारी रखेंगे.
दोनों देशों की मित्रता को आगे बढ़ाने की दिशा में करें काम- पीएम मोदी
पीएम मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ भारत-फ्रांस सीईओ मंच को संबोधित किया. अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा ‘‘हम रणनीतिक साझेदारी के 25 साल पूरे होने का जश्न मना रहे हैं. इस यात्रा में व्यापार जगत के नेताओं ने बड़ी भूमिका निभाई है.’’ उन्होंने भारत एवं फ्रांस के कारोबारी दिग्गजों से अपील की कि वे दोनों देशों की मित्रता को और आगे बढ़ाने की दिशा में काम करें. पीएम ने कहा कि दोनों देशों के व्यापारिक दिग्गजों ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में बहुत योगदान दिया है.
भारत और फ्रांस की रणनीतिक साझेदारी के 25 साल पूरे
पीएम मोदी ने भारतीय और फ्रांसीसी नेतृत्व की ओर से उनके प्रयास में पूर्ण समर्थन देने की प्रतिबद्धता जताते हुए कहा, ‘‘मैं चाहता हूं कि आप दोनों देशों की इस महान यात्रा को गति देने और मजबूत करने के लिए काम करें.’’ उन्होंने यह भी कहा कि भारत और फ्रांस की रणनीतिक साझेदारी के 25 साल पूरे हो गए हैं और इस लंबी यात्रा में दोनों देशों के व्यापारिक दिग्गजों ने बड़ी भूमिका निभाई है.
रक्षा सहयोग भारत-फ्रांस संबंधों का मजबूत स्तंभ- पीएम मोदी
अपने दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर फ्रांस पहुंचे पीएम मोदी का फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने अपने आधिकारिक आवास एलिसी पैलेस में गर्मजोशी से स्वागत किया, जिसके बाद दोनों नेताओं ने साझा बयान भी जारी किये. पीएम मोदी ने राष्ट्रपति मैक्रों के साथ एक संयुक्त प्रेस वार्ता में कहा कि भारत और फ्रांस रणनीतिक साझेदारी की 25वीं वर्षगांठ मना रहे हैं. हम अगले 25 साल की रूपरेखा तैयार कर रहे हैं.