NeoCov Variant|Coronavirus Latest Update: भारत में दो साल बाद भी कोरोनावायरस के संक्रमण के खिलाफ लड़ाई खत्म होती भले नजर न आ रही हो, लेकिन अच्छी बात यह है कि कोविड19 के नये वैरिएंट नीयोकोव (NeoCov) अब तक भारत में नहीं देखा गया है. नयी दिल्ली स्थित एलएनजेपी हॉस्पिटल के एमडी डॉ एस कुमार ने रविवार को यह जानकारी दी.
डॉ एस कुमार ने कहा कि हम कोरोना वायरस के हर वैरिएंट पर गंभीरता से नजर रख रहे हैं. लगातार इसके नये वैरिएंट और म्यूटेंट्स तैयार हो रहे हैं. हमें इससे बचने के लिए विशेष सतर्कता बरतनेकी जरूरत है. दूसरी तरफ, कोविड-19 महामारी के खिलाफ जारी भारत की लड़ाई को दो साल पूरे हो गये, लेकिन वायरस से निपटने की यह जंग कब खत्म होगी, इस पर अब तक अनिश्चितता बरकरार है.
भारत इस वक्त वैश्विक महामारी कोरोना की तीसरी लहर का सामना कर रहा है. पिछले दो वर्षों में देश ने कोरोना वायरस के विभिन्न स्वरूपों का भी सामना किया है. महामारी की दूसरी भयावह लहर के दौरान जहां एक ओर वायरस के डेल्टा स्वरूप ने कहर बरपाया था, वहीं इसके ओमिक्रॉन वैरिएंट के कारण संक्रमण काफी तेजी से फैला.
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दो साल पहले 30 जनवरी 2020 को चीन के वुहान विश्वविद्यालय में सेमेस्टर की परीक्षा देने के बाद भारत लौटी एक छात्रा कोरोना वायरस से संक्रमित पायी गयी थी. इसके बाद से भारत कोविड-19 की तीन लहरों का सामना कर चुका है. इस दौरान उत्परिवर्तन के कारण वायरस के कई स्वरूप सामने आये, जिनमें से कुछ बेहद जानलेवा भी साबित हुए.
India as of now hasn't seen this new variant (NeoCov). We're careful as the virus is continuously changing, new variants, mutants are emerging; taking precautions to be more vigilant about such cases: Dr S Kumar, MD, LNJP Hospital, Delhi pic.twitter.com/PZJtBUvdrD
— ANI (@ANI) January 30, 2022
भारत में अब तक कोरोना वायरस संक्रमण के 4,10,92,522 मामलों की पुष्टि हो चुकी है. इस महामारी के कारण 4,94,091 लोगों की मौत हो चुकी है. ये भारत सरकार के आधिकारिक आंकड़े हैं. भारतीय सार्स-सीओवी-2 जीनोमिक्स कंसोर्टिया (आईएनएसएसीओजी) के मुताबिक, भारत में पिछले दो वर्षों के दौरान कोरोना वायरस के सात स्वरूप ऐसे मिले हैं, जो चिंता का विषय हैं. इनमें अल्फा, बीटा, गामा, डेल्टा, बी.1.617.1 और बी.1.617.3 के अलावा एवाई सीरीज और ओमिक्रॉन स्वरूप शामिल हैं.
इनमें से कोरोना वायरस के डेल्टा और ओमिक्रॉन स्वरूप को घातक माना गया है. महामारी की दूसरी लहर के दौरान कोरोना के डेल्टा स्वरूप से बड़ी संख्या में लोग संक्रमित हुए और इसके कारण ही हजारों लोगों की मौत हुई. देश में कोविड-19 की मौजूदा लहर के लिए कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन स्वरूप को जिम्मेदार माना जा रहा है.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दो जनवरी तक 1.5 लाख नमूनों की जीनोम सीक्वेंसिंग की गयी थी, जिनमें से 71,428 नमूनों में चिंताजनक स्वरूपों की पुष्टि हुई है. महामारी से निपटने के लिए स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कोविड उपयुक्त व्यवहार का पालन करने और टीकाकरण अभियान को तेज करने की सलाह दी है. लेकिन, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि भारत में महामारी कब खत्म होगी.
विश्व स्वास्थ्य संगठन की दक्षिण-पूर्व एशिया की क्षेत्रीय निदेशक डॉ पूनम खेत्रपाल ने कहा, ‘हम अब भी महामारी के बीच में हैं. इसलिए वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने और लोगों की जान बचाने पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए.’ प्रख्यात विषाणु वैज्ञानिक डॉ टी जैकब का कहना है कि महामारी का प्रकोप भविष्य में कैसा होगा, इसके लिए अभी इंतजार करने की जरूरत है.
Posted By: Mithilesh Jha
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.