India CEA KV Subramanian News भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार (Chief Economic Advisor) केवी सुब्रमण्यम ने शुक्रवार को अपने इस्तीफे का एलान कर दिया है. अपने तीन साल के कार्यकाल के पूरा होने के बाद केवी सुब्रमण्यम ने पद से इस्तीफे की घोषणा की है. साथ ही उन्होंने एक आधिकारिक बयान में बताया है कि वो अब दोबारा शिक्षा जगत में जाने का फैसला कर चुके हैं.
केवी सुब्रमण्यम ने कहा कि उन्होंने अपना तीन साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद ये फैसला किया है. बता दें कि केवी सुब्रमण्यम ने 7 दिसंबर 2018 को देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) का पद संभाला था. उस वक्त अरविंद सुब्रमण्यम ने ये पद छोड़ा था1 उनके इस्तीफे के बाद सरकार की तरफ से अभी तक नए मुख्य आर्थिक सलाहकार के नाम का एलान नहीं हुआ है.
I have decided to return back to academia following the completion of my 3-year fulfilling tenure. Serving The Nation has been an absolute privilege 🙏and I have wonderful support and encouragement🙏. My statement: @PMOIndia @narendramodi @FinMinIndia @nsitharamanoffc @PIB_India pic.twitter.com/NW5Y64kxJ6
— K V Subramanian (@SubramanianKri) October 8, 2021
केवी सुब्रमण्यम ने अपने कार्यकाल के बारे में बोलते हुए कहा कि मुझे सरकार के भीतर से जबरदस्त प्रोत्साहन और समर्थन मिला है और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मेरे संबंध भी अच्छे रहे. इसके अलावा अपने प्रोफेशनल जीवन के करीब तीन दशकों में मुझे अभी तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अधिक प्रेरक नेता कोई नहीं मिला. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की आर्थिक नीति की समझने की उनकी समझ काफी बेहतर है. आर्थिक नीति की उनकी सहज समझ आम नागरिकों के जीवन को ऊंचा करने के लिए उसी का उपयोग करने के लिए एक अचूक दृढ़ संकल्प के साथ मिलती है.
अपने इस्तीफे की पुष्टि करते हुए बयान में केवी सुब्रमण्यम ने उन्हें प्रदान किए गए अवसर के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को धन्यवाद दिया. इससे पहले अपने करियर के दौरान सुब्रमण्यम भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के लिए विशेषज्ञ समितियों का हिस्सा रहे हैं. जेपी मॉर्गन चेस, आईसीआईसीआई बैंक और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज सहित शीर्ष कॉर्पोरेट्स में संक्षिप्त कार्यकाल के साथ 50 वर्षीय केवी सुब्रमण्यम निजी क्षेत्र के साथ अच्छी तरह से वाकिफ हैं.
Also Read: 68 साल बाद फिर टाटा की हुई एयर इंडिया, 1932 में जहांगीर रतनजी दादाभाई टाटा ने की थी स्थापनाDisclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.