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India Canada Tensions: भारत ने कनाडा पर लगाया गंभीर आरोप, कहा- बिश्नोई मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई

India Canada Tensions: भारत और कनाडा के बीच फिलहाल विवाद गहराता जा रहा है. लॉरेंस बिश्नोई मामले को लेकर दोनों देशों के बीच तनातनी की स्थिति बनी हुई है. इस बीच भारत ने कनाडा पर गंभीर आरोप लगाया है.

India Canada Tensions: कनाडा विवाद पर विदेश मंत्रालय ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस किया. जिसमें विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, हमने लॉरेंस बिश्नोई के गिरोह के लोगों की गिरफ्तारी के लिए कनाडाई पक्ष से कुछ अनुरोध साझा किए थे. उन्होंने हमारी मुख्य चिंताओं पर कोई कार्रवाई नहीं की है. इसके पीछे एक राजनीतिक मकसद भी है. उन्होंने कहा, भारत द्वारा किये गये 26 प्रत्यर्पण अनुरोध कनाडा के पास लंबित हैं.

सितंबर 2023 के बाद कनाडा ने भारत सरकार से कोई भी जानकारी साझा नहीं की

भारत-कनाडा विवाद पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, हमने इस विशेष मामले पर अपनी स्थिति बहुत स्पष्ट कर दी है. आपने देखा होगा कि पिछले दो दिनों में कई प्रेस विज्ञप्तियां जारी की गई हैं, जिनमें हमारी स्थिति स्पष्ट की गई है, कि हम बहुत स्पष्ट हैं, कि सितंबर 2023 से कनाडा सरकार ने हमारे साथ कोई भी जानकारी साझा नहीं की है.

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पीएम ट्रूडो ने खुद माना

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, हम अपने राजनयिकों के खिलाफ झूठे आरोपों को अस्वीकार करते हैं. उन्होंने कहा, कनाडाई पीएम ट्रूडो ने खुद माना है कि भारत के खिलाफ आरोपों का उसके पास सबूत नहीं हैं. कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने बुधवार को स्वीकार किया कि जब उन्होंने पिछले साल खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत सरकार के एजेंटों की संलिप्तता का आरोप लगाया था, तब उनके पास केवल खुफिया जानकारी थी और कोई ठोस सबूत नहीं था.

कनाडा के कथनी और करनी में अंतर

भारत-कनाडा विवाद पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, हमने प्रधानमंत्री ट्रूडो की टिप्पणी देखी है कि वह एक भारत नीति में विश्वास करते हैं, लेकिन अब तक हमने भारत विरोधी तत्वों के खिलाफ कार्रवाई का अनुरोध किया है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई है. यहां कथनी और करनी में अंतर है.

कनाडा के निर्णय से पहले ही भारत ने अपने राजनयिकों को देश वापस बुलाया

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, हमने कनाडा के कार्यवाहक उच्चायुक्त को तलब किया था और उसके बाद बताया कि हमें विश्वास नहीं है कि कनाडा सरकार हमारे राजनयिकों की सुरक्षा का ध्यान रखेगी और इसलिए हमने अपने उच्चायुक्त और उनके साथ 5 अन्य राजनयिकों को वापस बुलाने का निर्णय लिया था, उसके बाद कनाडा की ओर से उन्हें वापस जाने के लिए कहा गया लेकिन हमने उनके निर्णय से पहले ही अपने राजनयिकों को वापस बुला लिया था.

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