मालदीव और भारत के बीच पिछले दो दिनों से रिश्ते तल्ख होने की खबर आ रही है. इस बीच पूर्व उपराष्ट्रपति अहमद अदीब की प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियों को ‘अस्वीकार्य’ बताते हुए कहा है कि मालदीव सरकार को माफी मांगनी चाहिए थी. यही नहीं राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू (Mohamed Muizzu) को भारतीय नेता से बात कर राजनयिक संकट को सुलझाने की जरूरत थी. विवाद सामने आने के बाद मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए लिखा था कि मैं सोशल मीडिया पर मालदीव सरकार के अधिकारियों द्वारा भारत के खिलाफ घृणास्पद भाषा के इस्तेमाल की कड़ी निंदा करता हूं. भारत हमेशा मालदीव का एक अच्छा दोस्त रहा है. इस तरह की टिप्पणियों से बचना चाहिए. दोनों देशों के बीच सदियों पुरानी दोस्ती है. नकारात्मक प्रभाव डालने वाली चीजों से हमें बचने की जरूरत है. इस बीच आपको बता दें कि मुइज्जू चीन के दौरे पर हैं और वहां कुछ ऐसा बयान दे रहे हैं जिसकी चर्चा होने लगी है.
चीन में क्या बोले मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज्जू गद्दी पर बैठने के बाद चीन के अपने पहले राजकीय दौरे पर पहुंचे हैं. यहां वे चीन के गुन गा रहे हैं. उन्होंने बीजिंग पहुंचने के बाद चीन को अपना भरोसेमंद सहयोगी बताया है, साथ ही दोनों देशों के करीबी संबंधों की सराहना करते नजर आए. मुइज्जू की बात करें तो उन्हें चीन का समर्थक माना जाता है. मुइज्जू ने पांच दिन के अपने चीन दौरे में वे फुजियान में प्रांतीय अधिकारियों से मुलाकात करते दिखे. यहां चर्चा कर दें कि मुइज्जू ऐसे वक्त में चीन पहुंचे हैं, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी उनके मंत्रियों ने की है, हालांकि इन मंत्रियों को सस्पेंड कर दिया गया है. पीएम मोदी पर आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले को लेकर भारत और मालदीव दोनों देशों में राजनयिक विवाद बढ़ चुका है.
I condemn the use of hateful language against #India by Maldivian government officials on social media. India has always been a good friend to Maldives and we must not allow such callous remarks to negatively impact the age old friendship between our two countries.
— Ibrahim Mohamed Solih (@ibusolih) January 7, 2024
चीन के बहकावे में काम कर रहा है मालदीव
पिछले राष्ट्रपति इब्राहिम सोलिह के कार्यकाल पर गौर करें तो पीएम मोदी के कार्यकाल में मालदीव को काफी मदद की गई थी. ऐसा इसलिए क्योंकि वह चीन के कर्ज तले दबा हुआ था. इसके बाद, सोलिह की जगह मोहम्मद मुइज्जू ने ले ली, जो अपने देश के इतिहास से मुंह फेरते नजर आ रहे हैं. वे दिल्ली को अलग-थलग करने और बीजिंग को खुश करने का मन बना चुके हैं. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या मुइज्जू मालदीव को भारत के अन्य पड़ोसियों श्रीलंका और पाकिस्तान की दिशा में ले जा रहे हैं? ये ऐसे देश हैं जिन्होंने चीन पर भरोसा किया और बाद में पछताना पड़ा.